भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में नाम बदलने को होड़ में जुटी भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के घर बुधनी में नाम बदलने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के नाम पर बने पार्क का नाम बदलकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय के नाम पर रख दिया गया। इतना ही नहीं बुधनी में एक अन्य पार्क का नाम भी मुख्यमंत्री के छोटे बेटे कुणाल के नाम पर रख दिया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर बने पार्क का नाम मुख्यमंत्री के बेटे के नाम पर करने को लेकर सियासत गर्मा गई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में नेहरु पार्क का नाम बदलकर उनके पुत्र कार्तिकेय के नाम पर किये जाने पर अपनी आपत्ति जताई है।
अजय सिंह सवाल उठाते हुए कहा देश को आजाद कराने और देश के नव निर्माण में पंडित नेहरु के योगदान के आगे कार्तिकेय कहां खड़े हैं? क्या वे नेहरु से भी बड़े हो गये हैं? क्या बुधनी की जनता को अंतर्मन से यह बात स्वीकार्य होगी? वहीं बुधनी के एक अन्य पार्क का नाम भी मुख्यमंत्री के दूसरे बेटे कुणाल के नाम पर रखा गया है। शिवराज सिंह कृपया कुणाल के योगदान के बारे में भी जनता को बताएं।
अजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार इतिहास के उन महापुरुषों का नाम मिटा रही है जिनका देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान है। बुधनी में नेहरु पार्क का नाम बदलकर कार्तिकेय पार्क किया जाना इसी कड़ी का एक हिस्सा है।
AAP ने लगाया परिवारवाद का आरोप?-गौरतलब है कि बुधनी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा सीट भी है। ऐसे में बुधनी में पार्क का नाम बदलने और बेटों के नाम पर करने को लेकर सियासी तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने भी सरकार पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में उनके बेटों के नाम पर ही दो पार्कों का नामकरण कर दिया गया। ये बेहद ही आपत्तिजनक है।
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को कोई और महापुरुष का नाम नहीं मिला जिनके नाम पर पार्कों का नाम रखा जाता। क्या भाजपा अपनी ही पार्टी के पुराने और दिग्गज नेताओं को भूल गई। पार्टी के हर कार्यक्रम, सभाओं में पार्टी के संस्थापक नेताओं को याद करने वाली पार्टी पार्कों के नाम रखने में उन्हें कैसे भूल गई। उन्होंने कहा कि भाजपा चाल, चरित्र और शुचिता की बात करती है लेकिन उसका चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है।
रानी अग्रवाल ने आगे कहा कि परिवारवाद को लेकर हमेशा हल्ला मचाने वाली भाजपा और सरकार को अब जवाब देना चाहिए कि बुधनी में क्या उन्हें एक ही परिवार मिला जिनके नाम पर पार्कों का नाम रखा जा सकता है। क्या बुधनी में और लोग नहीं हैं। अगर नगर पालिका या अफसरों ने ये काम चापलूसी के लिए किया है तो ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि अफसर किसी परिवार के नहीं बल्कि प्रदेश के हैं, जनता के हैं। अगर ऐसा भी है तो मुख्यमंत्री या उनके परिवार को इस पर आपत्ति जतानी चाहिए थी। आखिर आपत्ति क्यों नहीं जताई गई। आपत्ति न जताना ये साबित करता है कि कहीं न कहीं आपकी भी मूक सहमति है।