भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। विधानसभा के बजट सत्र से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर कमलनाथ के हस्ताक्षर नहीं होने को लेकर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर कमलनाथ के हस्ताक्षर नहीं है और दिग्विजय सिंह ने अब तक जीतू पटवारी के निलंबन पर कुछ नहीं बोला है, इसके कांग्रेस अंतकर्लह खुलकर सामने आ गई है।
वहीं नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की ओर से लाए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के विधानसभा में मौजूद नहीं रहने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिं अपने विधायकों को बुला-बुलाकर साइन करवा रहे थे। इससे कांग्रेस में उनकी दयनीय स्थिति का पता चलता है।
क्या है पूरा मामला?- विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को बहस के दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने गुजरात के जामनगर में अंबानी के बन रहे चिड़ियाघर का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश से बाघ, घड़ियाली, लोमड़ी भेजे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बदले में चिड़िया, तोते, छिपकली लेने की बात कही, जिसका सत्ता पक्ष ने जोरदार विरोध किया।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जीतू पटवारी को दस्तावेज सदन के पटल पर रखने की चुनौती दी। नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी जी लगातार सदन में झूठे आंकड़े और असत्य बातें कर सदन और पूरे प्रदेश को गुमराह कर रहे है और उन्होंने सदन में जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव पेश कर दिया। जिस पर सदन में वोटिंग कर बहुमत से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
वहीं शुक्रवार को इस पूरे मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। जीतू पटवारी के निलंबन की कार्रवाई का विरोध करते हुए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। वहीं कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्वाव वह लेकर आए थे और सदन में मतदान के बाद उन्हें निलंबित किया गया था इसलिए कांग्रेस को अगर अविश्वास प्रस्ताव लाना है तो उनके खिलाफ लाए।
वहीं शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद ने आरोप लगाया कि सदन में संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन पर नियम पुस्तिका फेंक कर मारी, इसलिए वह नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ अवमानना के प्रस्ताव लेकर आएंगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर सफाई देते हुए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह सामने से चपरासी को हटा रहे थे इस दौरान उनके हाथ से नियम पुस्तिका फिसल गई। वहीं सदन में हंगामे के दौरान ही कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने नियम पुस्तिका को फाड़ दिया जिसको भाजपा ने अब मुद्दा बना लिया।