भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता में वापसी में कोशिश जुटी कांग्रेस ने अब उन सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया है जो पिछले चुनाव में वह हरा गई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में राजधानी भोपाल में कांग्रेस ने तीन विधानसभा सीटें जीत कर भाजपा को चौंका दिया था। वहीं अब 2023 के विधानसभा चुनाव में राजधानी भोपाल में भाजपा के गढ़ माने जाने वाली गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने फोकस कर दिया है।
आज श्रमिक दिवस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में जनसभा कर इसका आगाज कर दिया। जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज पर हमला बोलते हुए कई बड़े एलान भी किए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा प्रदेश में उनकी सत्ता आने पर एक मई (मजदूर दिवस) पर अवकाश घोषित किया जाएगा।
जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू लेकिन मैं बेवकूफ नहीं हूं। उन्होंने प्रदेश में युवाओं को रोजगार नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्या हमारे नौजवानों को मंदिर-मस्जिद से रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हर महीने एक लाख रोजगार देने की बात करते है लेकिन वह कहते हैं कि पहले जो पद खाली पड़े है उनको तो भर दें।
चुनाव से ठीक मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि चुनाव के समय महिलाओं की याद आ रही है जबकि सबसे ज्यादा अत्याचार प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आना तय है और कार्यकर्ता इसके लिए संकल्प लें।
गौरतलब है कि गोविंदापुरा विधानसभा सीट में भेल कारखाना स्थिति है और विधानसभा चुनाव में भेल कर्मचारियों का एक बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में कमलनाथ ने आज मजदूर दिवस पर सभा कर इस बड़े वोट बैंक को साधने की पूरी कोशिश की। 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर गोविंदपुरा से भाजपा की विधायक चुनी गई थी लेकिन उनकी जीत का अंतर कम हो गया था। ऐसे में जब 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य विधानसभा और भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था तब कांग्रेस इस बार गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर जीत की राह तलाश रही है।