Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

प्रकृति से नजदीक रहकर बॉटनी में बनाएं करियर

हमें फॉलो करें tree benefits
webdunia

डॉ. संदीप भट्ट

प्रकृति (Nature) के पास रहने से हमें अक्सर बहुत सुकून मिलता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जो लोग जो पेड़-पौधों, वनस्पतियों से लगाव रखते हैं, वे बेहद सर्जनशील होते हैं। पेड़-पौधों के वैज्ञानिक अध्ययन को वनस्पति शास्त्र कहते हैं। यह हमारी धरती पर मौजूद समस्त वनस्पतियों के अध्ययन का विज्ञान (vanaspati vigyaan) है। 

अक्सर विज्ञान विषयों के विद्यार्थी स्कूली स्तर से ही इस विषय को लेकर बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं। अधिकतर विद्यार्थी इस प्रश्न पर बहुत कन्फ्यूज होते हैं कि क्या पेड़-पौधों के अध्ययन में भी कोई करियर हो सकता है। लेकिन वास्तव में पृथ्वी पर प्रकृति ने जितनी वनस्पतियां हमें दी हैं उनमें से हर एक के अध्ययन में बेहतरीन करियर हो सकता है। 
 
वास्तव में पेड़ पौधे आज भी हम मनुष्यों के लिए कई मायनों में गहरे रहस्य और अनुसंधान का विषय है। धरती पर जीवन शुरुआती चरणों में वनस्पतियों के रूप में ही उभरा है। हम देखते हैं कि पेड़ पौधों में मनुष्यों की अपेक्षा कई तरह की अद्भुत क्षमताएं होती हैं। जहां तक करियर का सवाल है वनस्पति शास्त्र में करियर के शानदार अवसर मौजूद हैं। 
 
तो आइए जानते हैं कि वनस्पति विज्ञान में करियर (Career) कैसे बनाया जा सकता है-
 
* साइंस की दुनिया में बॉटनी एक बेहतरीन करियर फील्ड।
 
* प्रकृति से लगाव रखने वालों के लिए बहुत अच्छा विकल्प।
 
* पेड़-पौधों की संरचना, जैनेटिक्स, रोग विज्ञान जैसे अनुसंधानों से भरा हुआ फील्ड।
 
* पृथ्वी से लेकर स्पेस साइंस के मिशन में शामिल होते हैं बॉटनी के एक्सपर्ट्‍स।
 
क्या है बॉटनी :
 
दरअसल वनस्पति विज्ञान या बॉटनी जीवविज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत पेड़ पौधों और उनके जैसी संरचनाओं का अध्ययन किया जाता है। वनस्पति विज्ञान के अंतर्गत शैवाल कवक जैसे माइक्रो ऑर्गेनिज्म का भी अध्ययन होता है। इसलिए वनस्पति शास्त्र का क्षेत्र बेहद है। बॉटनी के अंतर्गत पेड़ पौधों की शारीरिक क्रिया-विधियों’ वर्गीकरण, आर्थिक महत्व, आकार-प्रकार, अनुवांशिकी और पारिस्थितिकी आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है। इसके साथ ही पादपों के रोग और उपचार आदि का भी अध्ययन वनस्पति शास्त्र के अंतर्गत होता है।
 
* वनस्पति विज्ञान या बॉटनी जीवविज्ञान की एक शाखा है।
 
* वनस्पति विज्ञान के अंतर्गत अनेक माइक्रो ऑर्गेनिज्म का भी अध्ययन होता है।
 
क्या करते हैं वनस्पति वैज्ञानिक : 
 
बॉटेनिस्ट (Botanist) या वनस्पति शास्त्र के वैज्ञानिक क्षेत्र में जाकर वनस्पतियों का अध्ययन करते हैं। वे उनके प्राकृतिक आवास उनके विकास, उनको हानि पहुंचाने वाले कारकों और मानव समुदाय के लिए वनस्पतियां किस प्रकार सहायक हो सकती हैं, इन तमाम विषयों का अध्ययन करते हैं। बॉटेनिस्ट के कामकाज का दायरा बहुत बड़ा होता है। उनके कार्यक्षेत्र में कई तरह के स्पेशलाइजेशन होते हैं। संपूर्ण मनुष्य एवं पृथ्वी पर मौजूद प्राणियों की निर्भरता पेड़-पौधों पर ही होती है इसलिए वनस्पति शास्त्र के वैज्ञानिकों का बहुत महत्व होता है। हमारी धरती के पार अंतरिक्ष में मौजूद अन्य ग्रहों में जीवन की संभावनाएं तलाशने में भी बॉटनी के विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है, इसलिए नासा समेत तमाम प्रतिष्ठित अंतरिक्ष विज्ञान की रिसर्च संस्थाओं के तमाम मिशन में बॉटनी के स्पेशलिस्ट की भी अहम भूमिका होती है।
 
* बॉटेनिस्ट के कार्यक्षेत्र का दायरा होता है बहुत विशाल।
 
* लाइफ साइंसेज के हर रिसर्च में बॉटनी के वैज्ञानिकों की भूमिका अहम।
 
कैसे करें शुरुआत : 
 
बॉटनी में करियर बनाने के लिए आपको दसवीं के बाद से विज्ञान विषयों का अध्ययन करना होता है। आमतौर पर 12वीं में जीव विज्ञान के यानी बायोलॉजी के अंतर्गत वनस्पति एवं जंतु विज्ञान पढ़ाया जाता है। जब आप ग्रेजुएशन के लिए विषयों का चयन करें तब आपके पास बॉटनी में ऑनर्स या बायोलॉजी विषयों के साथ किसी एक अन्य विषय के कॉन्बिनेशन में ग्रेजुएशन करने का विकल्प होता है। ग्रेजुएशन के दौरान आपको बॉटनी के तमाम अन्य सब-फील्ड्स के बारे में जानने के जानने और पढ़ने के लिए मिलता है। आप अपनी रूचि और क्षमता के अनुसार मास्टर डिग्री के लिए किसी एक बॉटनी की ब्रांच का चयन कर सकते हैं।
 
बॉटनी में उपलब्ध कोर्सेज : 
 
बॉटनी एक बहुत ही वाइडर फील्ड है। साधारण शब्दों में कहें तो बॉटनी में बहुत विस्तृत संभावनाएं हैं। करियर के लिए आपसे अगर आप बैचलर ऑफ साइंस यानी कि बीएससी बॉटनी से भी इस फील्ड में करियर बनाने की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री बायोटेक्नोलॉजी, हॉर्टिकल्चर यहां तक कि एग्रीकल्चर भी बॉटनी से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े हुए फील्ड हैं।

अंडर ग्रैजुएट लेवल पर आपको सेल बायोलॉजी यानी कि कोशिका विज्ञान, प्लांट एनाटॉमी, प्लांट फिजियोलॉजी, जेनेटिक, माइक्रोबायोलॉजी, एथनोबॉटनी जैसे कई विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके बाद मास्टर डिग्री के लिए आप बॉटनी से संबंधित कोई भी स्पेशलाइजेशन का कोर्स कर सकते हैं। फिर चाहे वह बायोकेमेस्ट्री का कोर्स हो, मरीन साइंस का कोर्स हो या प्लांट बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स हो, एमएससी बॉटनी हो या एनवायरमेंट साइंस इन एमएससी, तमाम इस तरह के कोर्स आपको मास्टर लेवल पर पढ़ने के लिए मिल सकते हैं। ये सभी कोर्स बॉटनी के एक एक्सपर्ट बतौर आपका करियर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
 
* बॉटनी में करियर बनाने के लिए 12वीं में विज्ञान विषयों का चयन आवश्यक।
 
* ग्रेजुएशन में बॉटनी ऑनर्स या बाएससी इन लाइफ साइंसेज कोर्स हैं बहुत पॉपुलर।
 
* अच्छे करियर के लिए पीजी जरूर करें।
 
* पोस्ट ग्रेजुएशन में स्पेशलाइजेशन करना होता है बेहतर।
 
करियर के ऑप्शन : 
 
बॉटनी का एक ग्रैजुएट स्टूडेंट तमाम तरह के अलग-अलग फील्ड में अपने लिए करियर की अपॉर्चुनिटी हो सकता है। एक बायोटेक्नोलॉजी के फील्ड में काम कर रही किसी एक फार्म से लेकर फूड प्रोसेसिंग कंपनी ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल फर्म, एनवायरमेंट और इकोलॉजी में काम करने वाले रिसर्च इंस्टीट्यूट आदि ने बीएससी ग्रैजुएट्स के लिए करियर के कई अवसर हो सकते हैं, लौटने के साथ बीएससी करने के बाद अगर आपने बीएड या टीचिंग का कोई डिग्री या डिप्लोमा कर लिया तो आपके लिए साइंस टीचिंग में भी अच्छे खासे अवसर मौजूद होते हैं।
 
बॉटनी में मास्टर डिग्री करने के बाद करियर के विकल्प बढ़ सकते हैं। वनस्पति विज्ञान में पीजी करने के बाद आप एक प्लांट बॉयोकैमिस्ट से लेकर जेनेटिक्स में काम कर सकते हैं या फिर किसी रिसर्च फर्म में साइंटिस्ट बन सकते हैं। हॉर्टिकल्चर, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, बॉयोटेक्नॉलाजी के सेक्टर में भी बॉटनी में पोस्ट ग्रेजुएशन या रिसर्च प्रोग्राम्स करने के बाद आप काम कर सकते हैं। एग्रीकल्चर में कंसलटेंट बन सकते हैं।

रिसर्च का एक बहुत बड़ा सेक्टर है जहां बॉटनी की पीजी डिग्री के बाद आप करियर को नई ऊंचाइयों दे सकते हैं। यूरोप, अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि महाद्वीपों में प्लांट साइंसेज में काम करने वाले टॉप रिसर्च इंस्टीट्यूशंस में रिसर्च साइंटिस्ट के बतौर काम करने का अवसर आपको मिल सकता है। अगर आपकी रूचि टीचिंग में है तो बॉटनी विषय में नेट जेआरएफ और पीएचडी करने के बाद आप दुनिया भर के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में इस विषय का अध्यापन काम भी कर सकते हैं।
 
सैलेरी : 
 
बॉटनी के साथ ग्रेजुएशन करने पर आपको आमतौर पर एक साइंटिफिक असिस्टेंट रिसर्च असिस्टेंट या फिर स्कूल टीचर्स आदि जैसा काम मिल सकता है। इस तरह के फील्ड में शुरुआती तौर पर आपको 3 से 5 लाख रुपए की सैलरी औसतन सालाना मिल सकती है। अगर आप बॉटनी में मास्टर्स करने के बाद में जूनियर साइंटिस्ट या रिसर्च फेलो काम करते हैं तो आपका वेतन 4 से 7 लाख सालाना तक हो सकता है।

बॉटनी की रिसर्च आदि डिग्री करने के बाद अनुभव के साथ आपका वेतन और भी बेहतर हो सकता है। जैनेटिक्स और एडवांस साइंसेज के फील्ड में एक बॉटनिस्ट को बहुत ही शानदार सैलरी मिलती है। अच्छी एजुकेशन और स्पेशलाइजेशन वाले स्टूडेंट्स को बॉटनी के फील्ड में देश-विदेश के रिसर्च इंस्टिट्यूट्स में भी लाखों की सैलरी मिलती हैं।
 
कहां से करें कोर्स : 
 
बॉटनी में देशभर के प्रत्येक क्षेत्र में मौजूद ग्रैजुएट लेवल के और पोस्टग्रैजुएट लेवल के कॉलेजों से बीएससी की जा सकती है। अगर आप यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इच्छा रखते हैं तो देश भर में केंद्रीय विश्वविद्यालय, स्टेट यूनिवर्सिटीज और निजी विश्वविद्यालय तथा संस्थानों से ग्रेजुएशन करने का मौका आपको मिल सकता है। इसी तरह मास्टर्स लेवल के कोर्स करने के लिए भी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टेट यूनिवर्सिटी तथा अन्य संस्थाओं से तरह-तरह के पॉपुलर को किए जा सकते हैं।

यहां ध्यान देने की बात है कि आप अपनी स्टडीज के लिए एक ऐसे इंस्टीट्यूशंस को चुनें जिसमें अंडरग्रैजुएट से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन में स्पेशलाइजेशन के और रिसर्च के अच्छे संसाधन मौजूद हों। अनेक सरकारी विश्वविद्यालयों की में कुछ डिपार्टमेंट ऐसे होते हैं जिनका बॉटनी की किसी एक ब्रांच में अच्छा स्पेशलाइजेशन होता है।
 
* बॉटनी में ग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट लेवल के कॉलेजों में आसानी से उपलब्ध।
 
* सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटीज के साथ ही प्राइवेट कॉलेजों से भी बीएससी करने के विकल्प उपलब्ध।
 
* अलग-अलग इंस्टिट्यूट्स की एडमिशन पॉलिसी के अनुसार होते हैं प्रवेश।
 
* विदेशी यूनिवर्सिटीज और संस्थानों से पीजी करने के लिए मिलती हैं कई फैलोशिप्स।
 
आपके लिए अच्छा होगा कि इस तरह के इंस्टिट्यूट में से यदि आप मास्टर्स कर सकें इन दिनों तमाम सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन सीयूईटी के माध्यम से ही होता है। अतः समय-समय पर इस तरह के नोटिफिकेशन पर नजर रखें ताकि आप अच्छे संस्थान से पढ़ सकें। 

अगर आप बैचलर करने के बाद में किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से पढ़ना चाहते हैं तो जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के कई टॉप इंस्टिट्यूशन मास्टर कोर्स करने के लिए तमाम तरह की फेलोशिप भी देते हैं। हालांकि वहां के लिए आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स भी बहुत अच्छी होनी चाहिए, खासकर अंग्रेजी भाषा में कम्युनिकेशन स्किल आपको बहुत मदद कर सकती है।
 
तो अगर आपकी रूचि पेड़-पौधों और प्रकृति में है (Love of plants) तो बॉटनी आपके लिए एक बहुत ही शानदार विकल्प हो सकता है। वास्तव में बॉटनी एक ऐसा शानदार सब्जेक्ट है, जिसमें करियर की संभावनाएं हमेशा ही मौजूद रहने वाली है।

webdunia
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बंगाल के बांकुड़ा में बिजली गिरने से TMC कार्यकर्ता की मौत, 25 घायल