भोपाल। मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का मुद्दा अब तूल पकड़ता हुआ दिख रहा है। कांग्रेस ने प्रदेश में चल रहे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इस पूरे मामले पर आज प्रेस कॉफ्रेंस इसे व्यापम से भी बड़ा घोटाला करार दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में प्रदेश पहले ही व्यापमं घोटाले के रूप में हुए देश के सबसे जघन्य और क्रूर घोटाले का गवाह बन चुका है। शिवराज सरकार सिर्फ डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य और जीवन बर्बाद करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब नर्सिंग कॉलेज के 60,000 से अधिक छात्रों का जीवन तबाह कर रही है।
कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश में 667 नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं और सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने 260 नर्सिंग कॉलेज को अमानक स्तर का माना है। वहीं बड़ा सवाल यह है कि 130 नर्सिंग कॉलेज अमानक घोषित कर दिए जाने के बाद भी कागजों पर यह किस तरह से चल रहे हैं। बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से छात्रों के एडमिशन और रजिस्ट्रेशन कॉलेज में कर लिए जाते हैं, लेकिन उनकी कोई कक्षाएं नहीं चलती और बाद में परीक्षा लेकर उन्हें डिग्री बेच दी जाती है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि इसके साथ हाईकोर्ट की ओर से बनाई गई जांच कमेटी ने जिन 200 कॉलेजों का निरीक्षण किया उनमें से 70 कॉलेज अमानक पाये गये हैं। वहीं सरकार ने हाईकोर्ट को 18 अगस्त 2022 को रिपोर्ट सौंप कर स्वीकार किया कि 94 कॉलेज की मान्यता सरकार ने समाप्त कर दी है।
कांग्रेस का आरोप है कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में घोटाला किया गया है, बल्कि जांच कर क्लीनचिट देने में भी घोटाला हुआ है। वहीं नर्सिंग काउंसिल की जिस कमेटी ने इन कॉलेजों का निरीक्षण किया और बहुत से कॉलेजों को मानक के अनुरूप पाया, उस रिपोर्ट मैं भी धांधली सामने आई है और उसके बाद संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने इस कमेटी के कई सदस्यों को नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि एक आदर्श नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 23,720 वर्ग फीट में टीचिंग ब्लॉक होना चाहिए और 30,750 वर्ग फिट में हॉस्टल होना चाहिए इस तरह से एक नर्सिंग कॉलेज में कम से कम 54,470 वर्ग फीट कुल निर्मित क्षेत्रफल होना चाहिए। 40 से 60 छात्रों की क्षमता वाले नर्सिंग कॉलेज के लिए एक प्रिंसिपल, एक वाइस प्रिंसिपल, दो एसोसिएट प्रोफेसर 3 असिस्टेंट प्रोफेसर और 10 से 18 के बीच ट्यूटर होने चाहिए। इसके अलावा नर्सिंग कॉलेज के लिए 100 बिस्तर का अस्पताल भी अनिवार्य है।