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सावरकर की जिन्ना से तुलना पर भड़की भाजपा, किताब में सावरकर को बताया दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थक

मध्यप्रदेश कांग्रेस और कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले की किताब 'कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा' पर बवाल

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विकास सिंह

, मंगलवार, 17 जनवरी 2023 (07:45 IST)
मध्यप्रदेश में चुनावी साल में वीर सावरकर का मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले की किताब “कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा” में वीडी सावरकर की तुलना पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना से करने पर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। 

किताब पर विवाद क्यों?-मध्यप्रदेश कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले की किताब ‘कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा’ में दावा किया गया है कि जिन्ना की तरह वीर सावरकर भी हिंदू और मुस्लिम दोनों को अलग राष्ट्र की तरह देखते थे। ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में किताब के लेखक पीयूष बबेले कहते हैं कि जिन्ना मुस्लिम राष्ट्र की मांग कर रहे थे और सावरकर हिंदू राष्ट्र की तो ऐसे में दो राष्ट्र का सिंद्धात सावरकर ने भी दिया और जिन्ना ने भी और कोई भी व्यक्ति अगर दो राष्ट्र का सिंद्धात देता है तो वह अखंड भारत का समर्थक नहीं हो सकता है। यह बात डॉ. भीमराव अंबेडकर के भी कहा था वह मैंने भी किताब में उनको ही कोट किया है।  

पीयूष बबेले कहते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया यह सर्वज्ञात सत्य है। महात्मा गांधी की हत्या के आरोप सावरकर पर लगे और उन पर मुकादमा चला,यह भी सर्वज्ञात सत्य है। आरएसएस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया है, यह भी सर्वज्ञात सत्य है और किताब में भी यह तत्थ रखे गए है और यह सच्चाई है और तो यह देश के सामने आएगी भी। 
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भाजपा ने कांग्रेस को घेरा- वहीं किताब वीर सावरकर की तुलना जिन्ना से करने पर भाजपा भड़क गई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनेवाला ने कहा कि किताब के जरिए कांग्रेस पार्टी ने फिर से अपनी मानसिकता दिखाई है। जिस तरह से किताब में वीर सावरकर की तुलना भारत के विभाजन के सबसे बड़े महापापी मोहम्मद अली जिन्ना से की है। यह दिखाता है कि मोहम्मद अली जिन्ना के महापापों को बचाव करने के लिए कांग्रेस पार्टी वोट बैंक किसी भी हद तक जा सकती है। एक बार फिर इतिहास को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है और वीर सावरकर जैसे एक महान विभूति का अपमान किया जा रहा है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर जो राष्ट्रभक्त बताया था वह गलत है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि बार-बार वीर सावरकर का अपमान क्यों किया जाता है। एक परिवार के महिमामंडन के चक्कर में कभी सरदार पटेल का अपमान,कभी बिरसा मुंडा का अपमान, कभी बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया जाता है।
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किताब पर भाजपा के विरोध जताने पर लेखक पीयूष बबेले कहते हैं कि किताब भाजपा के द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश करती है इसलिए वह दुखी हो रहे है। जहां तक भाजपा के इस आरोप का सवाल है कि कांग्रेस केवल नेहरू-गांधी परिवार का गुणगान करते हैं तो उनको पहले किताब पढ़नी चाहिए। ‘कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा’ किताब में भारतीय स्वतंत्रा आंदोलन के आदिवासी विद्रोह,1857 के स्वतंत्रा संग्राम,भीमराव अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस महात्मा गांधी सहित आजादी के आंदोलन में योगदान देने वाले सभी का वर्णन है।
 

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