खंडवा। खंडवा जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर सांवलीखेड़ा गांव में ट्रकों में गोवंश की तस्करी कर रहे 25 लोगों को करीब 100 स्वयंभू गौरक्षकों ने रविवार को पकड़ लिया और एक रस्सी से उन सभी के हाथ बांधकर उन्हें करीब दो किलोमीटर तक लाठी-डंडों से खदेड़कर खालवा पुलिस थाने ले गए। बाद में इन सभी गौ तस्करों को उन्होंने पुलिस के हवाले कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने गोवंश की तस्करी करने वाले और स्वयंभू गौरक्षकों दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन गौरक्षकों ने गोवंश की तस्करी करने वालों को खदेड़कर ले जाने का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और फोटो में दिखाई देता है कि कथित गो तस्करों के एक-एक हाथ को एक बड़ी रस्सी से बांधा गया और कान पकड़वाकर उन्हें मुर्गा भी बनाया गया। इनके इर्द-गिर्द स्वयंभू गौरक्षक उन्हें सड़क पर खदेड़ते हुए ले जाते दिखाई देते हैं और कुछ स्वयंभू गौरक्षकों के हाथों में डंडे भी नजर आते हैं।
इनके पीछे गोवंश से लदे वे ट्रक भी थाने ले जाए जाते दिखते हैं, जिनमें गोवंश की कथित तस्करी की जा रही थी। स्वयंभू गोरक्षकों ने आरोपियों से उठक-बैठक लगवाकर 'गौ माता की जय' भी बुलवाया। इसके बाद इन स्वयंभू गोरक्षकों ने इन सभी कथित गो तस्करों, गोवंश और ट्रकों को पुलिस के हवाले कर दिया।
खंडवा जिले के पुलिस अधीक्षक शिव दयाल सिंह ने कहा, 'हमने उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, जो बिना अनुमति के गायों को ले जा रहे थे। वहीं, हमने किसानों सहित उन गांववालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिन्होंने गोवंश परिवहन करने वालों को पकड़ने के बाद पुलिस को जानकारी नहीं दी और उनके साथ गलत बर्ताव किया।'
खालवा पुलिस थाना प्रभारी हरिशंकर रावत ने कहा, 'गोवंश परिवहन में पकड़े गए सभी 25 आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम एवं गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और विस्तृत जांच जारी है।' उन्होंने कहा कि 21 गौवंश जब्त किए गए हैं। इन्हें पास के ही गांव खार की गौशाला में भेज दिया गया है।
रावत ने बताया कि करीब 100 ग्रामीणों ने इन कथित तस्करों को खंडवा जिले के सांवलीखेड़ा गांव में आज सुबह उस वक्त पकड़ा, जब 8 ट्रकों में भरकर गोवंश को ले जा रहे थे। इन ग्रामीणों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
रावत ने कहा कि सभी आरोपी हरदा जिले से गोवंश को ट्रकों में लादकर खालवा होते हुए जंगल के रास्ते वध के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र ले जाया जा रहे था। (भाषा)