धार स्थित 34वीं एसएएफ बटालियन में हाल ही में एक दिवसीय साइबर क्राइम सिक्योरिटी अवेयरनेस सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ख्यात सायबर विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल, इंदौर द्वारा प्रशिक्षणार्थियों के साथ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
इस सेमिनार में 34वीं एसएएफ बटालियन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। सत्र के प्रारम्भ मे उपनिरीक्षक आशीष वाखला ने प्रो. गौरव रावल का विस्तृत परिचय दिया तथा सहायक सेनानी राधेश्याम सोलंकी ने पुष्पगुच्छ देकर रावल का स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रो. रावल ने वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जिसमें ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से डेबिट क्रेडिट कार्ड एहतियात, फ़िशिंग/ विशिंग, स्पूफिंग शामिल थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में ईमेल या फेसबुक आईडी, पासवर्ड, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड का उपयोग करके सभी को पहचान की चोरी से अवगत कराया।
उन्होंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराओं और 2008 में इसके संशोधन के बारे में भी जानकारी दी। सत्र में सायबर एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल द्वारा समस्त प्रशिक्षणार्थी, स्टॉफ अधिकारी/कर्मचारियों को सायबर अवेयरनेस संबंधी विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि सायबर क्राइम एक अलग तरह का क्राइम है, जो व्हाटसऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर एवं अन्य किसी भी प्रकार की सोशल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग तरह से क्राइम हो सकता है।
रावल ने बताया कि किसी भी प्रकार के सोशल प्लेटफॉर्म पर अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे फोन नंबर, स्थानीय पता, स्थान और जन्म की तारीख न दें। क्योंकि साइबर अपराधी आपको ठगने के लिए आपके व्यक्तिगत विवरणों का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने विशेष तौर पर प्रशिक्षणार्थियों को सोशल मीडिया पर रखने वाली सावधानियों के बारे मे बताते हुए बताया कि कभी भी अपना पोस्ट या फोटो के साथ अपने जियो टैगिंग या लोकेशन शेयर न करें, जिससे अपराधी आपके घर या ऑफिस तक पहुंच न सके और आपकी जानकारी ज्ञात कर किसी प्रकार का अपराध घटित न कर सके।
रावल ने बताया कि डिजिटल या किसी भी प्रकार की सोशल मीडिया के माध्यम से हमें किसी भी सामग्री को लिखने और अपलोड करने से पहले हमेशा सतर्क रहना चाहिए और इस आभासी दुनिया में कुछ भी पोस्ट करने से पहले दस बार सोचना चाहिए, किन-किन कारणों से आपके ऊपर आईटी एक्ट लागू हो सकता है।
प्रो. गौरव रावल बताया कि किन-किन नए तरीकों से सायबर अपराध घटित हो रहे है, हम उन अपराधों से कैसे बचें, हमें क्या करना चाहिए किन-किन बातों का आप ध्यान रखना चाहिए। इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारियों से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत करवाया गया तथा प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संबंधित विषयों से विषय संबंधी कई प्रश्न पूछे गए जिनका उत्तर साइबर एक्पर्ट्स प्रो. रावल द्वारा दिया गया।