भोपाल। खरगोन की हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर फेक फोटो पोस्ट करने को लेकर विवादों में घिरे दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। ट्विटर पर खरगोन की बताकर फेक फोटो पोस्ट करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं अब कांग्रेस के अंदर भी दिग्विजय के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
दिग्विजय सिंह के ट्वीट के खिलाफ उनकी पार्टी के विधायक ने मोर्चा खोल दिया है। छिंदवाड़ा के परासिया से कांग्रेस के विधायक सोहन वाल्मीकि ने कहा कि दिग्विजय सिंह अपने विवादित ट्वीट में शेयर किए हुए वीडियो का प्रमाण दें। कांग्रेस विधायक ने कहा कि दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट से कांग्रेस को कठघरे में खड़ा न करें।
वहीं कांग्रेस विधायक के इस ट्वीट पर अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस के लिए दिग्विजय सिंह हानिकारक हैं। जो ट्रिक पहले दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से कमलनाथ के खिलाफ अपनाया करते थे, वही ट्रिक कमलनाथ अपने ग्रुप के विधायक सोहन वाल्मीकि से दिग्विजय सिंह के खिलाफ करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस में अब अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके ट्वीट से कांग्रेस के सॉफ्ट हिन्दुत्व का नकली चेहरा भी बेनकाब हो गया है। वहीं अपने ऊपर एफआईआर दर्ज होने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझ पर 1 नहीं 1 लाख FIR दर्ज करें, मुझे कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक उन्माद के खिलाफ़ बोलने पर कितने ही मामले दर्ज हो जाएं, मुझे फर्क नहीं पड़ता।
वहीं ट्वीट को डिलीट करने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह फोटो खरगोन का नहीं था इसलिए उन्होंने डिलीट किया। दिग्विजय सिंह ने पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट लिखी है। 'मुझे ख़रगोन के दंगे के संदर्भ में अनेक वीडियो व चित्र मिले थे। मेरे परिचित ने अनेक चित्रों और वीडियो के साथ इस चित्र को भी साझा किया था। मैंने अपने ट्वीट में इस आधार पर किसी भी धार्मिक स्थल पर हथियार लेकर झंडा लगाने के औचित्य पर प्रश्न किया था। उसके बाद बीजेपी की शिकायत पर मेरे ख़िलाफ़ तमाम धाराओं में केस दर्ज किए गए। हालांकि इस चित्र के बारे में मुझे जैसे ही जानकारी मिली कि यह बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर का है, मैंने तत्काल अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन मेरे प्रश्न ख़रगोन दंगे के बारे में यथावत रहे।