अब मध्यप्रदेश में पेश होगा पेपरलेस ऑनलाइन बजट, सहकारी बैंक के लोन पर किसानों को नहीं देना होगा ब्याज
शिवराज कैबिनेट ने कई बड़े फैसलों पर लगाई मुहर
भोपाल। केंद्र सरकार के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार भी इस बार पेपरलेस यानी डिजिटल बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा विधानसभा में टेबलेट पर साल 2021-22 का बजट प्रस्तुत करेंगे। मंगलवार को मंत्रालय में हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां बजट ऑनलाइन होगा।
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विभागों को बजट पर फोकस करने को कहा। कैबिनेट की बैठक से पहले केंद्र सरकार के बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट का अधिक से अधिक लाभ लेकर आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश जैसा बजट होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के बजट में स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा फोकस किया गया है इसलिए प्रदेश के स्वास्थ्य बजट पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कुपोषण से निपटने के लिए पहले से ज्यादा काम करने की आवश्यकता बताई और इसके लिए महिला बाल विकास अधिकारियों को और अधिक ध्यान देने की बात कही।
कैबिनेट ने प्रदेश में सभी सहकारी दुग्ध संघों से जुड़े दुग्ध उत्पादक किसानों को लॉकडाउन अवधि का बकाया 14 करोड़ 80 लाख रुपए का भुगतान भी करने का निर्णय लिया है। इसके साथ किसानों को सहकारी बैंकों से दिए जाने वाले कर्ज पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाएगा। प्रदेश के 24 लाख किसानों को इस लाभ मिलेगा।
आज शिवराज कैबिनेट ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग की दो संस्थाओं इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम और एमपीआईटी विभागों का विलय कर एक संस्था एमपीसीडीसी का गठन करने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों की परफॉर्मेंस गारंटी 5 फ़ीसदी से घटाकर 3 फ़ीसदी करने का फैसला लिया है।
आज कैबिनेट की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग का प्रजेंटेशन हुआ। प्रत्येक जिले में एक और प्रत्येक ब्लॉक में एक एक्सीलेंस स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत करने के लिए नए स्कूल और खोले जाएंगे और पुराने किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा।