Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Corona के बीच उपचुनाव की तैयारी शुरू, सिंधिया के फोन से हाटपीपल्या में खलबली

हमें फॉलो करें Corona के बीच उपचुनाव की तैयारी शुरू, सिंधिया के फोन से हाटपीपल्या में खलबली
webdunia

कुंवर राजेन्द्रपालसिंह सेंगर

बागली (देवास)। देश और प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा है। प्रदेश में दोनों ही दलों के पहले पंक्ति के नेता वीडियो संदेश जारी करके समर्थकों व कार्यकर्ताओं के टच में हैं। प्रदेश में शॉर्ट मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब सभी लॉकडाउन के दूसरे  फेज की अंतिम तारीख का इंतजार करने के साथ ही भविष्य की योजनाओं का ताना-बाना बुनना शुरू कर चुके हैं। 
 
जाहिर है कि प्रदेश की रिक्त पड़ी 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कमलनाथ सरकार से समर्थन खींचने वालों में देवास जिले की हाटपीपल्या विधानसभा के कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी भी थे। चौधरी के त्यागपत्र के बाद हाटपीपल्या सीट रिक्त हो गई और उन्होंने सिंधिया का अनुगमन करके भाजपा की सदस्यता ले ली है। 
 
सिंधिया कर रहे कार्यकर्ताओं को फोन : हाल ही में चौधरी के समर्थन में सिंधिया सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने लगभग 50 से अधिक चौधरी समर्थकों को मोबाइल पर फोन करके हाल-चाल जाने और चौधरी के चुनाव के लिए सक्रिय रहने के निर्देष दिए। जिन चैधरी समर्थकों  से सिंधिया ने बात की। वे सभी कांग्रेस के सदस्य हैं और संगठन में पदाधिकारी भी हैं। सिंधिया के फोन के बाद समर्थकों में असमंजस की स्थिति बन गई है।
 
वहीं, भाजपा अपना कुनबा बढ़ने की बात कर रही है। इस बीच, हाटपीपल्या से दो बार के विधायक रहे और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में चौधरी से पराजित हुए पूर्व तकनीकी एवं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी का भविष्य भी दांव पर है। हालांकि कमलनाथ सरकार गिरने के बाद वे चौधरी को समर्थन करने की बात भी कह चुके हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता उत्तर दे पाने की स्थिति में नहीं हैं। 
 
हाल-चाल पूछे और सक्रिय रहने के लिए कहा : जानकारी के अनुसार सिंधिया ने अपने दिल्ली कार्यालय के नंबर से चौधरी समर्थकों से चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ता सहित उसके परिवार के हाल-चाल पूछे और परिवार को यह बताने के लिए कहा कि उन्होंने हाल-चाल पूछे हैं।
 
जिला युवक कांग्रेस महामंत्री ऋतुराजसिंह सैंधव ने बताया कि सिंधियाजी का फोन आया था। उन्होंने मेरे और परिजनों के हालचाल पूछे और घर रहने की सलाह देते हुए आगामी उपचुनाव में मनोज भाई के लिए सक्रिय रहने के लिए कहा। 
 
इसी प्रकार कांग्रेस नेता कैलाश जाट ने भी यही बात दोहराई। राजेन्द्रसिंह कवड़िया, कपिल तंवर, संजय सोनी व मुकेश यादव ने भी सिंधियाजी का फोन आने की बात कही। 
 
हमेशा रहा है राजपूत-सैंधव-ब्राह्मण का कब्जा : हाटपीपल्या विधानसभा सीट वर्ष 1977 में अस्तित्व में आई थी। वर्ष 2018 का चुनाव छोड दें तो इसके पहले के 9 विधानसभा चुनावों में यहां पर राजपूत, सैंधव व ब्राह्मण समुदाय का कब्जा रहा है। पहले दो चुनावों में आमलाताज के जागीरदार परिवार के तेजसिंह सैंधव विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 1985 के चुनाव में सोनकच्छ निवासी राजपूत राजेन्द्रसिंह बघेल ने उन्हें पराजित कर दिया। उसके बाद बघेल और सैंधव की प्रतिद्वंद्विता 1998 के विधानसभा चुनाव तक चली।
 
वर्ष 1990 व 1998 में सैंधव जीते तो वर्ष 1993 व 2003 में बघेल जीते। वर्ष 2003 में भाजपा ने सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य रायसिंह सैंधव को टिकट दिया था। लेकिन वे बघेल से हार गए। लेकिन बाद में भाजपा संगठन के पदाधिकारियों से नजदीकी के चलते देवास विकास प्राधिकरण और पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष भी रहे।
 
बागली विधानसभा सीट एसटी आरक्षित होने के बाद पूर्व तकनीकी एवं स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने हाटपीपल्या का रुख किया और वर्ष 2008 व 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के बघेल को हराया। वर्ष 2018 के चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक मनोज चौधरी को टिकट दिलवाया और उनके पक्ष में सभा भी संबोधित की।
 
चौधरी जिला पंचायत देवास के पूर्व अध्यक्ष नारायणसिंह चौधरी के पुत्र हैं और युवक कांग्रेस में कार्य कर रहे थे। चौधरी के पिता ने वर्ष 2008 के चुनावों में निर्दलीय खड़े होकर अपनी किस्मत आजमाई थी। लेकिन वे तीसरे क्रम पर रहे थे। अपने पिता का चुनाव मैनेजमेंट संभाल चुके चौधरी के सामने जोशी कद्दावर चेहरा थे। लेकिन, नवोदित होने के बाद भी वे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल रहे थे।
  
चर्चा करने पर चौधरी ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने मेरे लिए सब कुछ त्याग दिया उन सभी से सिंधियाजी ने बात की है। आगामी दिनों में भी वे कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहेंगे। वहीं, भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि हमारा कुनबा बढ़ रहा है। पार्टी जिसे भी चुनेगी हम उस के साथ रहेंगे। हालांकि सिंधियाजी के फोन से यह स्पष्ट हो गया है कि चौधरी के भाजपा का दामन थामने के बाद कार्यकर्ता स्वयं को ठगा हुआ महसूस ना करें और नए संगठन में चौधरी के मूल समर्थकों को तरजीह मिले। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi