ग्वालियर। मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद पहली बार ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक्शन में नजर आ रहे है। दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत सिंधिया ने खेड़ापति हनुमान मंदिर में दर्शन कर की। इसके बाद सिंधिया ने शहर के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ ग्वालियर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए आवंटित जमीन का भी निरीक्षण किया।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि पिता माधवराव सिंधिया व दादी विजयाराजे सिंधिया का स्वप्न था कि ग्वालियर को अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ान सेवाएं मिलें और वह अब पूरी होने जा रही है। इस दौरान सिंधिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं शिलान्यास नहीं लोकार्पण में विश्वास करता हूं।
तीन दिन के ग्वालियर प्रवास पर आए केंद्रीय मंत्री सिंधिया सुबह महाराजपुरा स्थित उस भूमि का निरीक्षण करने पहुंचे जो ग्वालियर विमानतल विस्तार के लिए आवंटित की गई है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि पिता माधव राव सिंधिया व दादी का स्वप्न था कि ग्वालियर को अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ान सेवाएं मिलें और वह इस सपने को पूरा करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सिंधिया ने कहा कि मेरे मंत्री बनने का बाद से ग्वालियर से देश के आठ महानगरों के लिए उड़ान सेवाएं प्रारंभ हो गई हैं। अब विमान सेवाएं बढ़ गईं हैं, लेकिन उनके एक साथ उड़ान भरने और उतरने के लिए विमानतल छोटा पड़ने लगा है। इसलिए जरूरी हो गया है कि इसका विस्तर किया जाए। इसलिए एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है।
सिंधिया ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रयासों से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने ग्वालियर में बने अपने आलू अनुसंधान केंद्र की जमीन विमानतल विस्तार परियोजना के लिए आवंटित कर दी है। प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, जल्द ही सपना पूरा होगा। परियोजना के पूर्ण होने के सवाल पर सिंधिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं शिलान्यास नहीं लोकार्पण में विश्वास करता हूं।