देश में सिर्फ भ्रष्टाचार उजागर करने वाली ही नहीं और भी हैं खोजी खबरें
खोजी पत्रकारिता : सच, साहस और सच्चाई
भारतीय पत्रकारिता महोत्सव के दूसरे सत्र, 'खोजी पत्रकारिता : सच, साहस और सच्चाई' विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई। इस चर्चा में टीवी पत्रकारिता के सुमित अवस्थी, विजय मनोहर तिवारी, विकास मिश्र, सत्येंद्र प्रताप सिंह, सुभाष झा, रंजू गिरि सम्मलित हुए। इस सत्र में यह विमर्श सामने आया कि देश में सिर्फ भ्रष्टचार उजागर करने वाली खबरें ही खोजी रिपोर्ट नहीं होतीं, और भी देश में खबरें हैं, जिन्हें किया जा सकता है।
खोजी पत्रकारिता में रेकी जरूरी : खोजी पत्रकारिता में रेकी जरूरी है। जैसे चीता अपने शिकार के लिए लंबे समय तक घात लगाए बैठे रहता है। वैसे ही एक रिपोर्टर लंबे वक्त तक निशाना साधे रहता है। यह बात चंडीगढ़ से आई पत्रकार रंजू गिरि ने इस सत्र में कही।
आज संपादक खबर नहीं बिजनेस पूछता है : देहरादून से आए पत्रकार सुभाष झा ने कहा कि सकारात्मक या नकारात्मक खबर नहीं होती, वो सिर्फ खबर होती है। आज का संपादक यह नहीं पूछता कि क्या खबर लाए हो, वो ये पूछता है कि कितने का बिजनेस लाए हो? ऐसे में खबर का क्या होगा? हमें तय करना होगा कि हमें क्या बनना है? हमें तय करना पड़ेगा कि हमें खबर दिखाना है कि सूचना दिखाना है?
पत्रकारिता में चुनौतियां बहुत हैं : देहरादून से आए दिनेश मानेसरा ने कहा कि मिशन की पत्रकारिता अब खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता शुरू से ही चुनौती वाली रही है। यह जोखिम का काम है।
विकास मिश्र ने कहा कि समर्पण होगा तो साहस अपने आप आ जाएगा। आप डरते नहीं, समझौता करना पड़ता है। यह वक्त की बात है। विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि देश में बहुत सी चीजें हैं, जिन्हें खोजा जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि अब पत्रकारिता नहीं हो रही है। आज भी कई पत्रकार काम कर रहे हैं, खबर सामने ला रहे हैं और खोजी खबरें लिख रहे हैं।
सुमित अवस्थी ने कहा कि सच, साहस और समर्पण, यह सब घिसे-पिटे शब्द हैं, अगर आपको पसंद नहीं है कोई चैनल तो बंद कर दीजिए, अखबार को आग लगा दीजिए, लेकिन फ्री का सब्सक्रिप्शन लेने की आदत छोड़ना चाहिए। अब रिपोर्टिंग कहां बची है? सबकुछ सोशल मीडिया पर आ गया है, जो न्यूज मेकर्स हैं वही सब अपनी खबरें फेसबुक और ट्विटर पर डाल देते हैं, अब लोग खुद ही अपने रिपोर्टर हैं। अब तो हम सिर्फ मंदिर उद्घाटन की सूचना दे रहे हैं।
दिल्ली से आए इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार श्याम लाल यादव ने भी अपने पत्रकारिता के अनुभव साझा किए। इस सत्र के दौरान प्रदेशभर के खोजी पत्रकारों को उत्कृष्ट कार्य के लिए 'एसपी सिंह स्मृति खोजी पत्रकारिता' से सम्मानित किया गया।
जिन्हें सम्मान मिला : रवींद्र जैन (भोपाल), राकेश अग्निहोत्री (भोपाल), पी. नवीन (भोपाल), सुनील सिंह बघेल (इंदौर), धनंजय प्रताप सिंह, राजेश ज्वेल (इंदौर), पुष्पेंद्र वेद (इंदौर), रफीक मोहम्मद शेख (इंदौर), शशिकांत मिश्रा पन्ना, शुभम बघेल, गिरीश मालवीय