इंदौर। शहर के कलेक्टर मनीष सिंह ने चेतावनी दी है कि हो सकता है कि इंदौर में कोरोनावायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि 50 से 500 होने में समय नहीं लगेगा।
सिंह ने कहा कि इंदौर जिले तथा गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे शहरों के मध्य लोगों का आवागमन नियमित रूप से बना रहता है। इसलिए जब इन शहरों में कोरोना संक्रमण फैलता है तो उसका सीधा प्रभाव इंदौर पर भी पड़ता है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को जिले में फैलने से रोकने के लिए और लोक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हमें अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि यह समय व्यवस्थाओं को सुधारने का है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अब विदेश से आने वाले हर यात्री का एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाएगा।
सिंह ने कहा कि जिले के सभी अस्पताल जहां 50 से अधिक बेड क्षमता हैं, उन अस्पतालों के संचालकों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने अस्पतालों में कुछ प्रतिशत बेड कोरोना के इलाज हेतु अभी से रिजर्व करें, ताकि यदि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है तो उन्हें तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। कलेक्टर सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने संबंधित क्षेत्रों में पूर्व में स्थापित किए गए कोविड केयर सेंटर को पुनः स्थापित करें।
उन्होंने अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर को निर्देश दिए कि राधा स्वामी सत्संग सेंटर में बनाए गए कोविड केयर सेंटर को भी दो से तीन दिवस की अवधि में पुनः स्थापित किया जाए।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में कुल 46 ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना निर्धारित किया गया था। जिनमें से 43 ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं तथा शेष तीन ऑक्सीजन प्लांट भी शीघ्र ही कार्यशील हो जाएंगे। उन्होंने सभी जेडएमओ एवं बीएमओ को निर्देश दिए कि वे निरंतर 12 घंटे इन ऑक्सीजन प्लांट को चलाकर उनकी टेस्टिंग करें, ताकि इनकी सैचुरेशन क्षमता का आंकलन किया जा सके एवं यदि कोई लीकेज है तो उसको भी अभी से ही दूर किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट छह घंटे के भीतर देनी होगी। जब तक रिपोर्ट नहीं आती तब तक यात्री को एयरपोर्ट पर ही रुकना होगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर यात्री घर जा सकेंगे, लेकिन उन्हें 7 दिन तक होम क्वारंटाइन रहना होगा।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग उनकी सतत निगरानी करेगा। दूसरी ओर, जिन यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उन्हें एयरपोर्ट से सीधे अस्पताल भेजा जाएगा।