इंदौर। पटाखों की दुकान में अवैध तौर पर जमा आतिशबाजी से यहां हालिया भीषण अग्निकांड में 7 लोगों की मौत के बाद जिला प्रशासन ने आज कठोर कदम उठाते हुए एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) समेत राजस्व विभाग के चार कारिंदों को मैदानी ड्यूटी से हटा दिया।
जिलाधिकारी पी. नरहरि ने बताया कि सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र के एसडीएम बिहारी सिंह, तहसीलदार राजकुमार हलधर, एक राजस्व निरीक्षक (आरआई) और एक पटवारी को मैदानी ड्यूटी से हटाते हुए कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि चारों कारिंदों को लेकर जारी यह आदेश रानीपुरा क्षेत्र के भीषण अग्निकांड की मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट आने तक लागू रहेगा। यह जांच पहले ही शुरू कर दी गई है।
नरहरि ने बताया कि शहर भर में पिछले तीन दिनों से पटाखों के अवैध भंडारण और बिक्री के खिलाफ प्रशासन की मुहिम जारी है। इसके तहत लसूड़िया क्षेत्र में पटाखों के एक गोदाम को आज सील कर दिया गया। पहली नजर में संदेह है कि इस गोदाम में लायसेंस की तय सीमा से ज्यादा मात्रा में पटाखे जमा कर रखे गए हैं। मामले की विस्तृत जांच जारी है।
बहरहाल, भीषण अग्निकांड के बाद क्षेत्रीय थाने के 5 पुलिस कर्मियों पर पहले ही गाज गिर चुकी है। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने सेंट्रल कोतवाली थाने के प्रभारी सीएस चढ़ार और इस थाने के चार अन्य पुलिस कर्मियों को 19 अप्रैल को कर्तव्य में लापरवाही के कारण लाइन हाजिर कर दिया था।
रानीपुरा क्षेत्र के दिलीप पटाखा हाउस की दुकान में आतिशबाजी के अवैध स्टॉक में 18 अप्रैल को आग लग गई थी। जोरदार धमाकों के बीच विकराल लपटों ने इससे सटी छह अन्य दुकानों को भी देखते ही देखते अपनी जद में ले लिया था। भीषण अग्निकांड में दुकान के मालिक समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही, करीब 20 दोपहिया वाहन भी जलकर खाक हो गए और लाखों रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
अग्निकांड को लेकर रानीपुरा क्षेत्र के दुकानदारों ने भारी आक्रोश जताते हुए कहा था कि प्रशासन को इस घटना के कई दिन पहले ही शिकायत किये जाने के बाद भी इलाके में पटाखों के अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगाई गई थी।