खंडवा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफ किए जाने की घोषणा के बावजूद खंडवा के पंधाना में शनिवार को कर्ज से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पंधाना के ग्राम अस्तरीया में सुबह ग्रामीणों ने एक खेत में एक किसान का शव पेड़ पर फंदे से झूलते देखा तो वे सहम गए। मृतक की पहचान 42 वर्षीय जुवान सिंह वाघले के रूप में की गई। पंधाना की तहसीलदार राधा महंत ने बताया कि रात में जुवान सिंह का पत्नी और बच्चों से झगड़ा हुआ था, इसके बाद वे कहीं चले गए थे। सुबह जब खेत में जाकर तलाशा गया तो उनकी लाश एक पेड़ से फंदा झूलती मिली। कोई सुसाइड नोट उनके पास से नहीं मिला है जिससे कि आत्महत्या की वजह स्पष्ट हो सके।
बताया गया है कि जुवान सिंह पर स्टेट बैंक का 3 लाख 22 हजार रुपए और एक अन्य बैंक का 2 लाख 42 हजार रुपए का ऋण बाकी था। हालांकि शनिवार को बैंक बंद होने से वास्तविक स्थिति सोमवार को बैंक खुलने के बाद ही पता चल पाएगी। तहसीलदार महंत ने बताया कि अभी परिजन भी ज्यादा बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। जांच के उपरांत ही सारा मामला स्पष्ट हो सकेगा कि आत्महत्या की असल वजह क्या थी?
इधर मृतक के बड़े बेटे राम वाघले ने बताया कि उनके पास मात्र साढ़े 4 एकड़ खेती है जिस पर कर्ज बहुत हो गया था और इधर फसल में भी नुकसानी के चलते उनके पिता गहरे तनाव में थे। कर्ज पटाने के लिए ही वे खुद महाराष्ट्र में नौकरी कर रहे थे। उनका यह भी कहना है कि उनके पिता ने कर्ज की स्थिति जानने के लिए बैंकों के भी खूब चक्कर काटे, लेकिन वहां से कोई समाधान नहीं मिला।
इधर किसान की आत्महत्या को लेकर राजनीति भी गर्माने लगी है। नवनिर्वाचित भाजपा विधायक राम दांगोरे ने इसके लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान सभी किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही, लेकिन जब घोषणा की तो पात्र किसानों का ही कर्जा माफ करने की बात कही। इससे किसान असमंजस में हैं कि उनका कर्ज माफ होगा भी या नहीं? अस्तारिया में जुवान सिंह की आत्महत्या इसी चिंता से उपजी निराशा का परिणाम है।
भाजपा विधायक दांगोरे ने कहा कि वे यह मामला विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाएंगे। इधर कांग्रेस की पराजित प्रत्याशी छाया मोरे भी तुरत-फुरत मौके पर पहुंच गईं और परिजनों को ढांढस बंधाने लगीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते ही किसान कर्जदार हुआ है। (वार्ता)