भोपाल। लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन स्तर बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। हार के बाद जहां प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है, तो दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान देने की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
शनिवार को जहां सिंधिया समर्थक और कमल नाथ कैबिनेट में मंत्री इमरती देवी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से 'महाराज' को अध्यक्ष बनाने की मांग की है, तो अब कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी भी सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में दिखाई दिए हैं। जीतू पटवारी ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया को परफेक्ट बताया है।
वहीं इससे पहले शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हार की समीक्षा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी में स्थानीय लीडरशिप को बढ़ाने की बात कही थी। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कई प्रदेशों में जल्द ही कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग पर कहते हैं कि अभी तो इस तरह की बात सिर्फ कयासबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है। लोकसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद अभी देखना होगा कि राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने रहते हैं या उनकी जगह कोई और लेता है? अभी कांग्रेस में संगठनात्मक स्तर जो भी बदलाव होगा, वह केंद्रीय स्तर पर होगा। उसके बाद राज्यों के संगठन में बदलाव की बात होगी।
गुप्ता कहते हैं कि जहां तक सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान देने की बात है तो ये मांग तो पिछले काफी लंबे समय से उठती आई है लेकिन इसमें खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया का रुख बहुत अहम होगा। प्रदेश अध्यक्ष संगठन की ऐसी जिम्मेदारी है जिसके लिए भोपाल में रहकर जमीनी स्तर पर काम करना होगा और सिंधिया, जो कि वर्तमान में पार्टी महासचिव हैं और दिल्ली में सक्रिय हैं, क्या वे इस जिम्मेदारी के लिए तैयार होंगे? यह देखना होगा।