महिलाओं को हर महीने 1500 और गरीबों को 500 रुपए में मिलेगा गैस सिलेंडर,कांग्रेस का बड़ा एलान
आधी आबादी के वोट को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस में मची होड़
भोपाल। मध्यप्रदेश में आधी आबादी यानि महिलाओं के वोटर को हासिल करने के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा और कांग्रेस में होड़ लग गई है। बुधवार को सदन में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तकरार देखने को मिली। चुनावी साल में पेश किए बजट में जहां शिवराज सरकार ने लाड़ली महिला योजना के लिए 8 हजार करोड़ का आवंटन करते हुए इसके ऐतिहासिक योजना बताई। वहीं बजट पेश होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में उनकी सरकार बनते हुए महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।
वहीं रसाई गैस के दाम में 50 रुपए की बढ़ोत्तरी का मुद्दा भी विधानसभा में नजर आया। सदन में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के बजट भाषण के दौरान रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर विपक्षी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। इतना ही नहीं बजट के दौरान ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रसोई गैस के दाम का मुद्दा उठाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे प्रदेश में नहीं लागू करने की मांग की।
वहीं बजट के बाद पूर्व वितमंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनती है तो गरीब परिवार को 500 रुपए से गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। वहीं आज रसोई गैस के दामों में बढोत्तरी को लेकर सदन के अंदर और बाहर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक रसाई गैस के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के विरोध में अपने साथ गैस सिलिंडेर लेकर विधानसभा पहुंचे और विधानसभा भवन के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा बजट को एक झूठी घोषणाबाज सरकार की घोषणाओं का स्मारक बताया। उन्होंने कहा कि यह कर्ज़, कमीशन और सत्यानाश का बजट है, बजट में सबकुछ "प्रस्तावित" मात्र किया गया है। यदि हम पिछले वर्ष का बजट देखें उसमें भी जो प्रस्तावित प्रावधान थे उसमें से मात्र 55% का वितरण किया गया, यह बजट तो मात्र 3 महीने का है जिसमें चुनावी घोषणाएं और गुमराह और कलाकारी करने के अलावा और कुछ नहीं किया गया है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि पिछले वर्ष प्रदेश में 90 लाख युवा बेरोजगार थे इस वर्ष बढ़कर करीब एक करोड़ पहुंच गए हैं, पिछले वर्ष कितने स्कूलों में शिक्षक नहीं थे? कितने अस्पतालों में डॉक्टर्स नहीं थे? इनकी संख्या 25% बढ़ चुकी है, आज का बजट महज एक औपचारिकता मात्र रहा, जिसका उद्देश्य जनता को गुमराह एवं मूर्ख बनाना है।