इंदौर। मध्यप्रदेश में करीब डेढ़ साल पहले सामने आए कुख्यात हनीट्रैप कांड की पेन ड्राइव अपने पास होने के कथित बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को विशेष जांच दल (SIT) ने नोटिस भेजा है और उनसे एसआईटी को 2 जून को पेन ड्राइव का 'अत्यंत महत्वपूर्ण सबूत' सौंपने को कहा है।
एसआईटी के एक अधिकारी ने रविवार को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की संबद्ध धाराओं के तहत भेजे गए नोटिस के हवाले से बताया कि आपके (कमलनाथ) द्वारा 21 मई को ली गई ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में कहा गया था कि हनीट्रैप प्रकरण की पेन ड्राइव/सीडी आपके पास मौजूद है। इस पत्रकार वार्ता का प्रसारण सोशल मीडिया पर भी किया गया है।
नोटिस में कहा गया कि हनीट्रैप कांड को लेकर इंदौर के पलासिया थाने में दर्ज प्राथमिकी में पेनड्राइव/ सीडी 'अत्यंत महत्वपूर्ण सबूत' है एवं इसके जरिए मामले की जांच को 'और प्रभावशाली तथा सुदृढ़' बनाया जा सकता है एवं नए तथ्यों का भी पता लगाया जा सकता है।
नोटिस में कहा गया है कि कमलनाथ से 'अपेक्षित' है कि वह 2 जून को दोपहर 12.30 बजे भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित अपने निवास में उपस्थित रहें और एसआईटी में शामिल एक निरीक्षक को बयान दर्ज कराते हुए पेन ड्राइव/ सीडी का भौतिक सबूत सौंपें। गौरतलब है कि हनीट्रैप गिरोह की 5 महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। उस समय कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार सूबे की सत्ता में थी।
पुलिस ने हनीट्रैप मामले में इंदौर की एक स्थानीय अदालत में 16 दिसंबर 2019 को पेश आरोप पत्र में कहा था कि यह संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिए भोपाल लाई गई युवतियों के इस्तेमाल से धनवान लोगों और ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फांसता था। फिर अंतरंग पलों के खुफिया कैमरे से बनाए गए वीडियो, सोशल मीडिया चैट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करता था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है।
इस बीच कमलनाथ ने रविवार को मुरैना में संवाददाताओं से कहा कि वह हनी ट्रैप मामले में एसआईटी के जारी नोटिस का जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि (हनीट्रैप कांड की) यह पेन ड्राइव मेरे पास कहां है? यह तो आप में (पत्रकारों) से बहुत लोगों के पास है। यह पेनड्राइव तो पूरे प्रदेश में घूम रही है।
कमलनाथ ने यह भी कहा कि उन्होंने हनीट्रैप कांड को लेकर पेन ड्राइव की राजनीति कभी नहीं की। उन्होंने हालांकि कहा कि उस समय उनके मुख्यमंत्री होने के कारण पुलिस उन्हें इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में स्वाभाविक रूप से अवगत कराती रहती थी। (भाषा)