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मप्र में 15 साल बाद बदलेगा सदन के अंदर का नजारा, सत्र के हंगामेदार रहने के आसार

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विशेष प्रतिनिधि

भोपाल। मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरु हो रहा है। सोमवार से शुरू हो रहा सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। 15 साल बाद सदन के अंदर का नजारा काफी बदला-बदला नजर आएगा। एक ओर जहां 15 साल बाद सत्ता पक्ष की कुर्सियों पर यानी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी की दायीं ओर कांग्रेस के विधायक बैठे नजर आएंगे, वहीं विधानसभा अध्यक्ष की बायीं ओर विपक्ष की कुर्सी पर बीजेपी के विधायक बैठे नजर आएंगे। आसंदी के दायीं ओर सत्ता पक्ष की पहली कुर्सी पर सदन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठे नजर आएंगे। भाजपा ने अभी तक अपने नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं किया है, इसलिए शिवराज सिंह चौहान विपक्ष की पहली कुर्सी पर बैठे नजर आएंगे।


लंबे सियासी अनुभव वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने सियासी सफर में पहली मध्यप्रदेश विधानसभा के सदन में पहली बार बैठे नजर आएंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ के ठीक सामने दूसरी ओर 13 साल से अधिक समय तक सूबे के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान आसंदी के बायीं ओर पहली कुर्सी पर बैठे नजर आएंगे। भाजपा ने अभी तक अपने नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं किया है, इसलिए शिवराज सिंह चौहान विपक्ष की पहली कुर्सी पर बैठे नजर आएंगे।

शिवराज सिंह चौहान के भाजपा के सभी 109 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के बायीं ओर की कुर्सियों पर बैठे दिखाई देंगे। सोमवार से शुरू हो रहे सदन में पहले दिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे।

गलवार को सदन में विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन और राज्यपाल का अभिभाषण होगा। पांच दिन चलने वाले विधानसभा सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। पंद्रह साल बाद विपक्ष में बैठने वाली बीजेपी कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

बीजेपी वंदे मातरम्, मीसांबदी की पेंशन और बीजेपी सरकार की कई योजनाओं के नाम बदलने और उनको बंद करने के कांग्रेस सरकार की तैयारियों को लेकर सरकार को जमकर घेरने की तैयारी में है। विधानसभा के इस सत्र में कई मौकों पर सरकार की अग्नि परीक्षा भी हो सकती है।

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