भोपाल। 15 सालों बाद सूबे की सत्ता में वापस लौटी कांग्रेस में अंदरुनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। विधानसभा चुनाव से पहले जो गुटबाजी कांग्रेस की पहचान होती थी वह अब लोकसभा चुनाव के बाद फिर से दिखाई देने लगी है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान कमलनाथ और सिंधिया समर्थक मंत्रियों के आपस में उलझने के बाद अब कुछ मंत्रियों पर इस्तीफे की तलवार लटक रही है।
सूबे के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरशोर से है कि कमलनाथ कैबिनेट में शामिल सिंधिया समर्थक 2 मंत्रियों की जल्दी ही छुट्टी हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रियों भी इस रवैए से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं और जल्द ही वे कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। पिछले कई दिनों से मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की खबरें भी जोरशोर से जारी हैं और यह भी चर्चा में है कि सरकार में नए मंत्रियों को शामिल करने के लिए कुछ पुराने मंत्रियों से इस्तीफा भी लिया जा सकता है।
सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं सिंधिया समर्थक मंत्री : कांग्रेस में गुटबाजी की नई तस्वीर निकलकर सामने आने के बाद अब चर्चा इस बात की भी जोरशोर से है कि अगर सिंधिया गुट के किसी भी मंत्री से इस्तीफा लिया जाता है या उसे हटाया जाता है तो कैबिनेट में शामिल सिंधिया गुट के सभी मंत्री एकसाथ इस्तीफा दे देंगे। सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत, प्रद्मुम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, उमंग सिंघार, इमरती देवी, लाखन सिंह और महेंद्र सिंह सिसौदिया ऐसे विधायक हैं जो पार्टी के बडे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद करीबी हैं। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों सिंधिया गुट के सभी मंत्रियों की मंत्री महेंद सिंह सिसौदिया के यहां आयोजित हुए डिनर डिप्लोमेसी में इस बात पर एक राय भी बन चुकी है।