मध्यप्रदेश में निगम मंडल में नियुक्तियों का एलान जल्द, 15 दिसंबर के बाद मोहन कैबिनेट का विस्तार संभव
निगम मंडल में नियुक्तियों और कैबिनेट विस्तार को लेकर हाईकमान से मिली हरी झंडी
भोपाल। बिहार चुनाव के बाद अब मध्यप्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। सबसे अधिक चर्चा और अटकलें निगम मंडल में नियुक्तियों और मोहन कैबिनेट के विस्तार को लेकर है। इस बीच मंगलवार रात दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एक बार फिर कयासों का दौर तेज हो गया है। भाजपा संगठन और सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में निगम मंडल में नियुक्ति और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लेकर हरी झंडी दी जा चुकी है और निगम मंडलों की पहली सूची अब जल्द जारी हो सकती है।
निगम मंडल में सीनियर नेताओं को मिलेगी जगह-मध्यप्रदेश में मोहन सरकार के अब करीब 2 साल पूरे होने जा रहे है तो अब सरकार निगम मंडलों में नियुक्ति करने जा रही है। निगम मंडलों में पार्टी के सीनियर नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा। अगर निगम मंडलों में संभावित नामों पर चर्चा करे तो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री इमरती देवी, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया के साथ महेंद यादव का नाम भी शामिल है।
कांग्रेस से भाजपा में आने वाले रामनिवास रावत श्योपुर विधानसभा चुनाव हार चुके है, ऐसे में पूरी संभावना है कि उनको निगम मंडल में जगह दी जाएगी और अच्छा निगम दिया जाएगा। वहीं सिंधिया खेमे से आने वाली पूर्व मंत्री इमरती देवी डबरा से विधानसभा चुनाव हार चुकी है और वह पहले भी निगम मंडल में रह चुकी है। इसके अलावा पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया भी 2023 का चुनाव अटेर विधानसभा चुनाव से हार चुके है तो उनको निगम मंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही भोपाल से आने वाले पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और महाकौशल से आने वाले अंचल सोनकर का नाम निगम मंडल के दावेदारों में प्रमुख है।
इसके साथ ही भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में जगह नहीं पाने वाले नेताओं को भी निगम मंडल में एडजस्ट किया जाएगा। जिसमें आशुतोष तिवारी, विनोद गोटिया, राकेश गिरी, शिशुपाल यादव, महेंद्र सिंह सिसौदिया जैसे चेहरों को निगम मंडल में जगह मिलेगी।
मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना-वहीं सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है। मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट में शामिल वरिष्ठ चेहरों के स्थान पर नए चेहरे लाकर 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए नई टीम तैयार हो सकती है। इसके साथ ही मंत्रियों के परफॉर्मेंस का ऑडिट कर खराब प्रदर्शन करने वाले कुछ चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।