मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना पर अब कमलनाथ सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोविंद सिंह ने बुजुर्गों को तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने के लिए चलाई जा रही तीर्थ दर्शन योजना को सरकारी खर्च पर तफरी करने वाली योजना करार दिया है।
मंत्री गोविंद सिंह ने तीर्थ योजना को फालूत की योजना बताते हुए तीर्थ स्थल जाने वालों के श्रद्धा भाव पर भी सवाल खड़े कर दिए है। उन्होंने कहा कि लोग सरकारी योजना में सिर्फ भक्ति भाव से नहीं बल्कि घूमने के मकसद से तीर्थ स्थलों पर जाते है। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्राएं कराना सरकार का काम नहीं है। हलांकि गोविंद सिंह ने कहा कि यह सरकार की मंशा नहीं है बल्कि उनकी निजी राय है।
सरकार के वरिष्ठ मंत्री के तीर्थ दर्शन योजना पर दिए गए इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसते हुए कड़ा एतराज जताया है। शिवराज ने कहा कि बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाना एक पवित्र कार्य है और कांग्रेस इस भावनात्मक संबंध को क्या समझेगी। उन्होंन कहा अब सरकार तीर्थ दर्शन योजना सहित सभी अच्छे काम को बंद करना है तो इस तरह के बयान दे रही है।
गौरतलब है कि पिछले भाजपा सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गो को तीर्थ यात्रा कराने के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरु की थी। जिसमें प्रदेश के बुजुर्ग लोगों को सरकार अपने खर्चे पर देश के सभी पवित्र स्थलों दर्शन कराती थी इसके लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम से रेलवे के सहयोग से स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाती है।