महाराष्ट्र में स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य करने के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में हर शनिवार को संविधान की प्रस्तावना के पाठ कराने का आदेश जारी कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी स्कूलों को आदेश जारी करते हुए बताया है कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के समस्त शासकीय स्कूलों में संविधान की उद्देशिका का वाचन प्रति सप्ताह शनिवार को कराया जाए।
इस आदेश के मुताबिक हर शनिवार को प्रार्थना के बाद प्रधान अध्यापक और शिक्षक प्रार्थना में उपस्थित बच्चों से संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराएंगे। इसी तरह हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में भी संबंधित प्राचार्य बालसभा के दौरान स्टूडेंट्स द्वारा संविधान की उद्देशिका का पाठ कराएंगे।
कमलनाथ सरकार ने स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराने का निर्णय ऐसे समय लिया है, जब कांग्रेस CAA को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर संविधान की मूल भावना को नष्ट करने का आरोप लगा रही है, वहीं विपक्ष CAA में मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दिए जाने को संविधान की प्रस्तावना का उल्लघंन बताते हुए संविधान के खतरे में होने की बात जोर-शोर से उठा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले को जिसने कि पहले ही CAA कानून को लागू करने से मना कर दिया है, अब स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना के पाठ को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश से पहले महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना के पाठ को अनिवार्य करने का फैसला किया था।