मध्यप्रदेश में लव जिहाद पर 10 साल और शादी कराने वाले धार्मिक व्यक्ति को 5 साल की मिलेगी सजा
दिसंबर में विधानसभा सत्र में पेश होगा धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020
भोपाल। मध्यप्रदेश में लव जिहाद करने पर अब 10 साल की सजा मिलेगी। वहीं इस तरह की शादी- निकाह कराने वाले धर्म गुरु, काजी-मौलवी,पादरी को भी 5 साल की सजा होगी। पहले गृहमंत्री ने कहा था कि लव जिहाद पर पांच साल की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। आज मंत्रालय में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अफसरों के साथ बैठक कर धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी। अब इस ड्राफ्ट को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली कैबिनेट में पेश किया जाएगा और उसके बाद 28 दिसंबर से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 में बहला-फुसलाकर,डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार के विवाह कराने वाले गुरु, काजी-मौलवी,पादरी को भी 5 साल की सजा का प्रावधान विधेयक भी किया गया है। इसके साथ ऐसी शादियां कराने वाली संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति को या धर्मांतरण करने वाले धार्मिक व्यक्ति को जिला कलेक्टर के सामने एक महीने पहले आवेदन देना होगा और उसकी जांच की जाएगी। नए कानून के तहत पीड़ित या उसके परिवार को पुलिस में शिकायत करना होगा।
नए कानून के तहत धर्मातरण के तहत किए गए विवाह को शून्य घोषित करने का प्रावधान किया जाएगा। नए कानून में धर्मांतरण में सहयोग करने वाले अपराधियों को भी मुख्य अपराधी की तरह सहभागी माना जाएगा। नए कानून में लव जेहाद और धर्मांतरण को अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी का अपराध होने के साथ-साथ गैर जमानती होगा। इसमें आरोपी को खुद ही सिद्ध करना होगा कि उसने बगैर दबाव, धमकी,बहला फुसलाकर कर यह विवाद और धर्मांतरण किया है।