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CM कमलनाथ का फ्लोर टेस्ट कराने से इनकार, कहा- पहले बेंगलुरु में बंधक विधायकों को लाया जाए भोपाल

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विकास सिंह

, रविवार, 15 मार्च 2020 (22:06 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के नेता दिल्ली के इशारे पर कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरु में आज भी बंधक बनाकर रखे हुए हैं। उन्हें परिवार तक से बात करने की इजाजत नहीं है।
 
मुख्यमंत्री ने सवाल किया क्यों उन्हें भोपाल नहीं लाया जा रहा है? हमसे कहा जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट करवाइए, तो कैसा फ्लोर टेस्ट? पहले बंधक विधायकों को स्वतंत्र तो करिए, उन्हें भोपाल तो लाइए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के भी 21 विधायक अगर बंधक बना लिए जाए तो क्या फ्लोर टेस्ट संवैधानिक होगा?
 
कमलनाथ कहा कि हमारे विधायक जयपुर गए थे। हमने उन्हें बंधन में नहीं भेजा। हमने उन्हें इसलिए भेजा कि वो एक परिवारिक माहौल में एक साथ रहें। हमारे विधायक वहां घूमते रहे और बगैर रोक-टोक के मोबाइल का उपयोग करते रहे।      
मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाजपा द्वारा अनैतिक और असंवैधानिक रूप से पैदा किए गए संकट के इस दौर में जीत हमारी होगी, हर हाल में होगी। हम सब एकजुट है। लोकतंत्र की रक्षा और प्रजातंत्रिक मूल्यों के लिए हमारा मनोबल शीर्ष पर है।  
 
कमलनाथ ने कहा कि सभी पूछते है कि मैं संकट के इस दौर में भी मुस्कुरा क्यों रहा हूं तो वो इसलिए कि हमारी हर हाल में जीत होगी। हम सब एकजुट है, मुझे अपने विधायकों पर पूरा विश्वास है और मेरी मुस्कुराहट के पीछे आप सबके चेहरों पर दिख रही मुस्कुराहट है। भोपाल में विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के सभी विधायक होटल के लिए रवाना हो गए
राज्यपाल ने लिखा था पत्र : सनद रहे कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक लिखा था। इस पत्र में उन्होंने हाथ उठाकर फ्लोर टेस्ट की मतदान की प्रकिया संचालित कराने को कहा था। 
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नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी। इसमें उन्होंने विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया को बदले जाने हेतु पत्र सौंपकर अनुरोध था कि फ्लोर टेस्ट में विधानसभा में मतदान प्रक्रिया बटन दबाकर होना संभव नहीं है क्योंकि इस संबंध में तकनीकी व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, लिहाजा हाथ उठाकर मतदान करवाया जाए।
 
16 मार्च को विधानसभा में यह होगा : 16 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। सत्र के पहले दिन सुबह 11 बजे राज्यपाल का अभिभाषण होगा। राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव होगा। विधानसभा की कार्यसूची, राज्यपाल के अभिभाषण ही कार्यसूची में है, फ्लोर टेस्ट या विश्वासमत नहीं।       

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