प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए मध्यप्रदेश में ‘श्रम सिद्धी’ अभियान का आगाज
मजदूरों में भगवान देखता हूं : शिवराज
भोपाल। कोरोना संकट काल में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए आगे आई है। संकट काल में अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रदेश में “श्रम सिद्धी” अभियान शुरु किया गया है। श्रम सिद्धी अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे मजदूर जिनके जॉब कार्ड नहीं है, उनके जॉब कार्ड बनवाकर, प्रत्येक मजदूर को काम दिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की हर पंचायत में "श्रम सिद्धी" अभियान की शुरूआत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस अवसर पर उन्होंने कुछ ग्राम पंचायतों के सरपंचों तथा मजूदरों से बातचीत कर ''श्रम सिद्धी'' अभियान की जानकारी दी तथा वहां चल रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
श्रम सिद्धी अभियान में सबको काम – योजना के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम सिद्धी अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में हर व्यक्ति को काम दिया जाएगा। इसके लिए घर-घर सर्वे किया जाएगा तथा जिनके पास जॉब कार्ड नहीं है उनके जॉब कार्ड बनाकर दिए जाएंगे। जो मजदूर अकुशल होंगे उन्हें मनरेगा में कार्य दिलाया जाएगा तथा कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार काम दिलाया जाएगा।
मजदूरों में भगवान देखता हूं – योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे मजदूरों, गरीबों, किसानों में भगवान दिखाई देते हैं और इनकी सेवा मेरे लिए भगवान की सेवा है। हमने विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए हमारे मजदूरों को प्रदेश लाने के साथ ही अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में आए तथा यहां से गुजरने वाले मजदूरों की भी पूरी सहायता की। बार्डर पर प्रतिदिन एक हजार बसें मजदूरों के लिए लगाई गई हैं।
गांव को कोरोना से सुरक्षित रखें – वीडियो कांफेंसिंग के जरिए सरपंचों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने गाँव को कोरोना से सुरक्षित रखें। ग्राम पंचायत में सभी मास्क लगाएं, एक-दूसरे के बीच कम से कम दो गज की दूरी रखें, बार-बार हाथ धोयें, स्वच्छता रखें तथा कहीं भी भीड़ न लगायें। बाहर से आए मजदूरों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण हो तथा 14 दिन के लिए उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाए।
सरपंच शब्द का अर्थ बताया – इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंच गाँवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सरपंच शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि सरपंच शब्द में 'स' का अर्थ है समानदर्शी, 'र' का अर्थ है रत्न, 'प' का अर्थ है परिश्रमी तथा 'च' का अर्थ है चौकीदार। सरपंच समानदर्शी होते हैं, रत्न के समान होते हैं, परिश्रमी होते हैं तथा वे ग्राम की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
5 महीने का नि:शुल्क राशन - मुख्यमंत्री ने सरपंचों को बताया कि शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम में पहले तीन माह का उचित मूल्य राशन प्रदाय किया गया था। अब दो माह का नि:शुल्क राशन प्रदान किया गया है। यह राशन राशन कार्डधारियों के अलावा उन्हें भी दिया जा रहा है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। सरपंच यह सुनिश्चित करें कि पात्र व्यक्तियों तक यह राशन पहुंच जाए।
मनरेगा में 21 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार – मध्यप्रदेश में वर्तमान में प्रदेश की 22 हजार 809 ग्राम पंचायतों में से 22 हजार 695 में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों में अभी तक 21 लाख 01 हजार 600 मजदूरों को रोजगार दिया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है।