कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के जिस लॉकडाउन का सहारा लिया गया था वो लॉकडाउन भले ही चौथे चरण में बहुत ही कम बंदिशों के साथ अभी भी लागू है, लेकिन उस लॉकडाउन के दौरान जिस तरह प्रवासी मजदूरों का पलायन हुआ वह अब बड़े खतरे में बदल गया है।
प्रवासी मजदूर जो लॉकडाउन में दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों से अपने गांव पहुंच रहे है वह गांव में कोरोना के नए कैरियर बन गए है। मध्यप्रदेश के रास्ते बिहार और उत्तरप्रदेश को लौटने वाले प्रवासी मजदूरों लगातार बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव निकल रहे है।
बिहार में कुल मरीजों का 50 फीसदी प्रवासी मजदूर - बिहार में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे है। राज्य के डेढ़ हजार से अधिक मामलों में से आधे से अधिक प्रवासी मजूदर या बाहर से आए लोग शामिल है। पिछले दिनों आई जांच रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बाहरी राज्यों से प्रदेश पहुंचे लोगों में से जांच में हर चौथा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के चलते कोरोना के ग्राफ अचानक से इजाफा हुआ है। अब तक राज्य में दिल्ली से पहुंचे सबसे अधिक प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। बिहार में अब तक 1800 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए है जिसमें प्रवासी मजदूरों की संख्या 900 के लगभग है।
जो प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिले है इनमें 24 फीसदी लोग दिल्ली से लौटे है। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल से लौटे मजदूरों की है। बिहार किस तरह बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दस दिनों में 1040 नए मामले सामने आए है।
ये हाल तब है कि जब बिहार में कोरोना जांच की धीमी गति का आरोप विपक्षी दल लगा रहे है और इन आरोपों के बीच मंगलवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को हटा दिया है। राज्य में लगातार बढ़ते मामलों के बाद सरकार ने अब पूल टेस्टिंग का फैसला किया है।
UP में प्रवासी मजदूर बने कोरोना वाहक - बिहार के साथ उत्तर प्रदेश में अब तक दूसरे राज्य से लौटे 1041 प्रवासी मजदूर और अन्य लोग कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए है। सूबे के बस्ती जिले में एक साथ 50 और लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में 49 प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव निकले है।
राहत की बात ये है कि इन सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। कोरोना पॉजिटिव पाए गए ये सभी मजदूर पिछले दिनों श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस लौटे है। प्रवासी मजदूरों के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिले तेजी से ग्रीन जोन से ऑरेंज जोन और आंरेंज जोन से रेड जोन में बदलते जा रहे है।
मध्यप्रदेश में हर जिले में पहुंचा कोरोना संक्रमण - वहीं मध्यप्रदेश में प्रवासी मजदूर की वापसी के बाद कोरोना अब नरसिंहपुर जिले को छोड़कर प्रदेश के हर जिले में दस्तर दे चुका है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक प्रदेश में अब तक 400 से अधिक प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए है।
अन्य राज्यों से लौटे मजदूरों ने संक्रमण के खतरे को और बढ़ा दिया है। दो हफ्ते पहले तक ग्रामीण अंचलों के जिलों में कोरोना का कोई मामला नहीं था लेकिन आज प्रदेश के 49 जिलों में कोरोना के एक्टिव केस नहीं। प्रदेश में अब तक 14 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके है और आने वाले समय में यह आंकड़ा और बढ़ेगा।