Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मध्यप्रदेश में अब सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुलेंगी दुकानें, फैक्टरी में 12 घंटे की शिफ्ट में काम करने की छूट

उद्योगों को Corona संकट से निकालने के लिए कई बड़े एलान

हमें फॉलो करें मध्यप्रदेश में अब सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुलेंगी दुकानें, फैक्टरी में 12 घंटे की शिफ्ट में काम करने की छूट
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 7 मई 2020 (18:50 IST)
भोपाल। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को फिर से पटरी पर लाने के लिए मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने बड़े एलान किए है। प्रदेश में अब दुकानें सुबह 6 से रात 12 तक खोली जा सकेगी और फैक्टरी में 12 घंटे की शिफ्ट में काम हो सकेगा।

श्रम सुधारों का एलान करते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए श्रम कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। बंद आर्थिक गतिविधियों को गति देने की  ऐसी पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने और निवेशकों को आकृषित करने के लिए नए उद्योगों को अनुकुल वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है। श्रम सुधार करने के पीछे मुख्य उद्देश्य अन्य स्थानों से स्थानंतरित हो रहे उद्योगों और नए स्थापित होने वाले उद्योगों को आकर्षित करना है।

दुकानों के समय में परिवर्तन – कोरोना संकट के समय दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए उनके खुलने और बंद होने के समय में परिवर्तन किया गया है। अब राज्य में दुकानों के खुलने का समय सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक रहेगा। 
 
फैक्टरी में 12 घंटे की शिफ्ट - इसी तरह फैक्टरी में काम करने की शिफ्ट आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है। फैक्टरी मालिक अब खुद शिप्ट परिवर्तित कर सकेंगे। इसके साथ सप्ताह में 72 घंटे की ओवरटाइम की मंजूरी दी गई है। फैक्टरी मलिक उत्पादकता बढ़ाने के लिए सुविधानुसार शिफ्टों में परिवर्तन कर सकेंगे। 
 
पंजीयन और लाइसेंस सिर्फ एक दिन में 
पंजीयन और लाइसेंस का काम तीस दिन के स्थान पर एक दिन में होगा। इससे कारखानों दुकानों, ठेकेदारों, बीड़ी निर्माताओं, मोटर परिवहन कर्मकार, मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम में आने वाली निर्माण एजेंसियों का पंजीयन/लाइसेंस एक दिन में मिलेगा। 
फैक्टरी लाइसेंस नवीनीकरण अब एक साल की जगह दस साल में किया जाएगा। 
ठेका श्रम अधिनियम में कैलेंण्डर वर्ष की जगह संपूर्ण ठेका अवधि के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। 
नए कारखानों का पंजीयन/लाइसेंस जारी करने की ऑनलाइन व्यवस्था होगी। 
स्टार्टअप उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें सिर्फ एक बार पंजीयन कराना होगा। नवीनीकरण करवाने की जरूरत नहीं होगी।
webdunia
एक ही रजिस्टर, एक ही रिटर्न
•  फैक्टरी में काम की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए श्रम कानूनों के अंतर्गत 61 रजिस्टर रखने और 13 रिटर्न दाखिल करने की जगह एक ही रजिस्टर और एक ही रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था की गई है। रिटर्न फाइल करने के लिए स्व-प्रमाणन हो सकेगा।
कारखाना अधिनियम में तीन माह के लिए फैक्टरी इंस्पेक्टर के निरीक्षण से मुक्ति होगी। 
नियोजक अपने द्वारा चुने गए थर्ड पार्टी निरीक्षक से कारखाने का निरीक्षण करवा सकेंगे। पहले थर्ड पार्टी निरीक्षक को पंजीकृत करने का कार्य मुम्बई से होता था। अब यह अधिकार श्रमायुक्त मध्यप्रदेश को होगा। इसी तरह 50 से कम श्रमिकों को नियोजित करने वाली संस्थाओं को अलग-अलग श्रम कानूनों में निरीक्षण की परि‍धि से बाहर कर दिया गया है। 
• मध्यप्रदेश औद्योगिक संबंध अधिनियम के प्रावधानों को आगामी आदेश तक शिथिल कर दिया गया है। अब कारखानों में ट्रेड यूनियन और कारखाना प्रबंधक अपनी सहूलियत से विवादों का हल कर सकेंगे। इसके लिए लेबर कोर्ट नहीं जाना होगा। 
• 50 अधिक श्रमिक वाली स्थापनाओं पर लागू औद्योगिक नियोजन अधिनियम अब 100 से अधिक स्थापनाओं पर लागू होगा। इससे छोटे उद्योगों को राहत मिलेगी। 
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Vizag gas leak : क्या होती है स्टायरिन गैस, जिसने ली 11 लोगों की जान