Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मैहर में लाखों श्रद्धालुओं ने किए शारदा देवी के दर्शन

हमें फॉलो करें मैहर में लाखों श्रद्धालुओं ने किए शारदा देवी के दर्शन
, गुरुवार, 22 मार्च 2018 (22:32 IST)
मैहर। मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर में पिरामिडाकार त्रिकूट पर्वत पर विराजीं माँ शारदा देवी के मंदिर में आज नवरात्र के पांचवें दिन देश के कोने-कोने से करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने देवी शारदा मां की दर्शन व पूजा पाठ किया।


108 शक्तिपीठों में विशिष्ठ महिमा रखने वाली इस देवी माँ के मंदिर में आज नवरात्र पर्व के पंचमी पर देवी भक्तों की काफी भीड़ देखी गई। ऐसी मान्यता है कि यह देवी माँ शारदा का वह स्थान है, जहां भगवान शंकर ने तांडव नृत्य के दौरान उनके कंधे पर रखे सती के शव को लेकर निकले थे। उस समय शव के गले का हार त्रिकूट पर्वत माला के शिखर पर आ गिरा था।

इसी कारण यह स्थान शक्तिपीठ कहा जाने लगा। देश में माँ शारदा देवी का अकेला मंदिर है। इस पर्वत माला पर धर्म व अध्यात्म की महिमा में काल भैरवी, शेष नाग, फूलमणि माता व ब्रम्हा देव की पूजा की जाती है। शक्तिपीठों में महिमा रखने वाली इस स्थान पर दोनों ही नवरात्र पर देवी भक्तों की काफी रहती है।

इन दोनों ही पर्व पर दूर-दराज से भक्त अपनी-अपनी मान्यता लेकर देवी माँ की दर्शन कर प्रार्थना करते है। यह आस्था वह केन्द्र है, जहां यदि चलने-फिरने में श्रद्धालु असहाय हो, वह भी अपनी दु:ख दर्द का दूर करने के लिए माँ के समाने प्रार्थना करते नजर आएगा।

जनश्रतुतियों में ऐसी मान्यता है कि अमरत्व प्राप्त करने वाले महान अमर योद्धा आल्हा ने शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी। इसके बाद आल्हा ने इस मंदिर में 12 सालों तक कठिन तपस्या कर देवी माँ को प्रसन्न किया था। माता ने उन्हे अमरत्व का आर्शीवाद दिया था। तभी से यह मंदिर 'शारदा मंदिर' के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

यहां आज भी सबसे पहले आल्हा ही देवी शारदा माँ की पूजन करता है। मंदिर का पट जब ब्रम्ह मुर्हुत में खुलता है तो पूजारी को वहां माता के सामने ताजे फूल अर्पित हुए मिलते है। मैहर नगर से करीब पांच किलोमीटर पर माँ का मंदिर है। यह आस्था का केन्द्र ही नही, इस मंदिर में अस्था के अनेक आयाम है। इस मंदिर की चढ़ाई के लिए 1063 सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ता है।

आज से कुछ साल पहले असहायों श्रद्धालुओं को मंदिर पर ले जाने के लिए डोलियां थी, इसके बाद आजीविका के रूप में लोग असहाय देवी भक्तों को पीठ पर लादकर ले जाते थे। वहीं अब कई रोप वे संचालित है। मंदिर प्रांगण में अनेक अंचलों से आए श्रद्धालुओं के द्वारा देवी भजन कीर्तन में लीन हुए देखा जा सकता है। ढोलक और मंजिरे लिए श्रद्धालु देवी की महिमाओं के गीत गाते रहते है।

मंदिर का प्रांगण देवी की महिमा रूपी गीत से गुंजायमान बना हुआ है। विभिन्न प्रकार के लोकगीतों के माध्यम से देवी की महिमाएं गाते दिखाई देगी। अष्टमी के पर्व पर देवी मां के मुख्य द्वार से लंबी कतारे लगा शुरु होती है। इस दिन देर रात तक श्रद्धालु माँ के दर्शन पाने के लिए कतार में खड़े दिखाई देगें।

मैहर पुलिस के अनुविभागीय अधिकारी अरविंद तिवारी के अनुसार नवरात्र की पंचमी पर डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने शारदा देवी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। अभी तक करीब सात लाख श्रद्धालुओं ने देवी मां की दर्शन कर चुके है। (वार्ता) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारतीय रेलवे करेगा 68 स्टेशनों का कायाकल्प