भोपाल। कांग्रेस के बागी विधायकों को लेकर बुधवार को भोपाल से लेकर बेंगलुरू तक सियासी संग्राम देखने को मिला है। बागी विधायकों से मिलने के बेंगलुरू पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जहां स्थानीय पुलिस वालों के साथ तीखी नोंकझोंक हुई, वहीं दूसरी ओर शाम को भोपाल में भाजपा दफ्तर का घेराव कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई है। हालात इस कद तनावपूर्ण हो गए है कि पुलिस को लाठीचार्ज करने पड़ा वहीं शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी भी हुई।
BJP कर रही लोकतंत्र की हत्या - दूसरी ओर सियासी बवाल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने दिग्विजय सिंह को बेंगलुरू में रोके जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा हमारे 16 विधायकों को यहां लाने से क्यों घबरा रही है। एक व्यक्ति के 16 विधायकों से मिलने में क्या संकट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने में वह खुद बेंगलुरू जाएंगे। वहीं फ्लोर टेस्ट के सवाल पर कहा कि पंद्रह महीने में हमने कई बार फ्लोर टेस्ट में विश्वास का मत हासिल किया है।
कांग्रेस विधायकों की राज्यपाल से गुहार – दिग्विजय सिंह को बेंगलुरू में हिरासत में लेने और कांग्रेस विधायकों को भाजपा के कथित कब्जे से मुक्त कराने की मांग को लेकर भोपाल में कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन से गुहार लगाई। कांग्रेस के विधायक दो बसों में सवार होकर राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल को पत्र सौंपकर कांग्रेस के बंधक विधायकों को छुड़ाने की मांग की है।
एक ओर कांग्रेस विधायक राज्यपाल से अंदर मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे थे तो बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता जमकर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोशनपुरा चौराहे से राजभवन तक पैदल मार्च किया। इसके साथ ही राजभवन के सामने किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ गए हालांकि बाद में पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया।
बागी विधायकों के तेवर बरकरार - उधर बागी विधायकों ने वीडियो जारी कर दिग्विजय सिंह से मिलने से इंकार कर दिया है। बागी विधायकों ने फिर दोहराया है कि उनको किसी ने बंधक नहीं बनाया है और वह अपनी मर्जी से बंगलुरू में ठहरे हुए है। वहीं बागी विधायकों ने बेंगलुरू पुलिस को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस के किसी नेता से नहीं मिलना चाहते है।
वहीं बागी विधायकों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई। जहां सुप्रीम कोर्ट ने 16 विधायकों के इस्तीफे नहीं स्वीकार करने पर स्पीकर से कुछ सवाल भी पूछे।