इंदौर। मध्यप्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर समेत 20 पर वन विभाग के एक वनपाल और डिप्टी रेंजर ने डकैती का आरोप लगाया है। इस संबंध में डिप्टी रेंजर ने बड़गौंदा थाने में भी दिया है। वन मंत्री विजय शाह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंगलवार को डिप्टी रेंजर का आवेदन सामने आने पर बवाल मच गया।
वन विभाग के कर्मचारी ने प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ डकैती की शिकायत की थी। हालांकि बाद में शिकायत पलटते हुए कहा गया कि मंत्री घटना के समय वहां मौजूद नहीं थी। शिकायत सामने आने के बाद अब वन मंत्री विजय शाह ने जांच के आदेश दिए हैं।
रेंजर बीएस मौर्य ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि सबरेंज कार्यालय से कुछ लोग जब्त जेसीबी और ट्रेक्टर ट्रॉली ले गए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वन संरक्षक को आवेदन बनाकर दिया था। मंत्री वहां मौजूद नहीं थी।
क्या है मामला : बड़गोंदा पुलिस थाने में वन विभाग की तरफ से एक आवेदन दिया गया था। उसमें मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों पर जब्त की गई जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने का आरोप है।
10 जनवरी को वन क्षेत्र महू की बड़गौंदा में अवैध रूप से खुदाई की जा रही थी। यहां से निकलने वाली मुरम बिना अनुमति के ही सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। शिकायत मिलने पर इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी, एक ट्रैक्टर और ट्रॉली को जब्त कर प्रकरण कायम किया और इन वाहनों को वन परिसर में लाकर खड़ा कर दिया गया। आरोप है कि 11 को मंत्री और उनके साथ आए लोग वन विभाग के परिसर में खड़े इन वाहनों को ले गए।
क्या बोलीं मंत्री : पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि रास्ते के निर्माण के लिए वन विभाग को बोला था मगर वे ध्यान नहीं दे रहे थे। ग्रामीण अपने खर्च से कच्चा रोड बना रहे थे। जहां रास्ता बनाने का काम चल रहा था वहां पैदल चलना भी मुश्किल है। 11 जनवरी को बड़गौंदा के आसपास मुझे कई कार्यक्रमों में शामिल होना था। मेरी मौजूदगी में वन विभाग के परिसर से बुडडोजर और ट्रॉली नहीं लाई गई।