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DIG ने स्कूली बच्चों को बताया, कैसे पैदा किए जा सकते हैं ओजस्वी बच्चे?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 11 जनवरी 2025 (09:36 IST)
शहडोल। मध्यप्रदेश में एक महिला पुलिस उपमहानिरीक्षक का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 'ओजस्वी' बच्चे पैदा करने के लिए क्या करें और क्या न करने की सलाह देती नजर आ रही हैं। वायरल वीडियो में पुलिस अधिकारी, पूर्णिमा की रात को गर्भधारण न करने सहित कई बातें बताते हुए सुनी जा सकती हैं।
 
शहडोल की पुलिस उपमहानिरीक्षक सविता सोहाने ने पिछले वर्ष 4 अक्टूबर को यहां एक निजी स्कूल में 10 से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम के तहत व्याख्यान दिया। वीडियो में अविवाहित पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि 'आप पृथ्वी पर नया बचपन (नई पीढ़ी) लाएंगे। आप इसे कैसे अंजाम देंगे।'ALSO READ: Weather Update: बर्फबारी और बारिश से और तेज होगी ठंड, IMD ने 16 राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट
 
पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें : उन्होंने वीडियो में गया कहा कि इसके लिए आपको योजना बनाने की जरूरत है। पहली बात यह ध्यान रखें कि पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें। सूर्य देवता को जल चढ़ाकर नमस्कार करें ताकि 'ओजस्वी' संतान पैदा हो। टिप्पणी के लिए संपर्क किए जाने पर सविता ने बताया कि उन्हें धर्मग्रंथ पढ़ना, हिन्दू संतों के प्रवचन सुनना और व्याख्यान देना पसंद है।
 
बालिकाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना : उन्होंने बताया कि वह 'मैं हूं अभिमन्यु' कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं जिसका उद्देश्य सुरक्षित वातावरण बनाना और बालिकाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है। अधिकारी ने बताया कि हर महीने मैं एक स्कूल में व्याख्यान देती हूं। 31 वर्ष पहले पुलिस सेवा में शामिल होने से पहले मैं 4 वर्ष तक सागर जिले के एक सरकारी इंटर कॉलेज स्कूल में प्राध्यापक थी।ALSO READ: कैलिफोर्निया के जंगलों में ऐसी आग कभी नहीं दिखी थी
 
उन्होंने बताया कि मैंने जो कहा कि वह आध्यात्मिक आनंद की खोज में मिली जानकारी पर आधारित था। अधिकारी ने पूर्णिमा की रात गर्भधारण से बचने की सलाह के बारे में बताया कि हिन्दू धर्म में इसे पवित्र अवधि माना जाता है। उन्होंने बताया कि 1 घंटे से अधिक समय तक दिए गए व्याख्यान का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों के बीच बालिकाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना था लेकिन इसका केवल एक हिस्सा ही प्रसारित किया गया और संदर्भ हटा दिया गया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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