भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आरंभ की गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना स्किल डिमांड और स्किल सप्लाय के बीच के गैप को मिटाकर भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस योजना से उद्योगों, सर्विस सेक्टर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जरूरत के अनुसार युवाओं को काम सीखने का मौका मिलेगा और व्यावसायिक संस्थानों को काम के लिए रेडी वर्क फोर्स उपलब्ध होगा। यह योजना युवाओं और व्यावसायिक संस्थानों दोनों के लिए ही समान रूप से उपयोगी और लाभकारी है। मुख्यमंत्री नई दिल्ली में आयोजित फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) की कार्यशाला को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना, उनके साथ न्याय नहीं है। प्रदेश के युवाओं में प्रतिभा और क्षमता है, हम उनका उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कौशल उन्नयन कर युवाओं को प्रदेश के विकास में सहभागी बनाना चाहते हैं।
कौशल सीखने के दौरान युवाओं को आर्थिक अभाव न रहे, इस उद्देश्य से स्टायपेंड की व्यवस्था भी की गई है। यह युवाओं को पंख देने की योजना है ताकि वे अपने सपने पूरे करने के लिए ऊंची उड़ान भरने में सक्षम और आत्मनिर्भर बनें। मुख्यमंत्री ने फिक्की के प्रतिनिधियों को योजना की जानकारी देते हुए इससे जुड़ने की अपील की।
प्रदेश के बाहर के उद्योग भी वैकेंसी क्रिएट करने के लिए पात्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में प्रदेश के बाहर के उद्योग भी वैकेंसी क्रिएट करने लिए पात्र हैं। प्रदेश के युवा कर्मठ, दक्ष और ऊर्जा से भरपूर हैं। उन्होंने उद्यमियों से अपने संस्थानों में प्रदेश के युवाओं को इंटर्न के रूप में प्रवेश देने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये युवा अपनी कार्यकुशलता और कर्मठता के आधार पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री से फिक्की के सदस्यों ने प्रदेश में व्यापार और उद्योग के लिए बेहतर हो रहे वातावरण और संभावित निवेश के संबंध में चर्चा की।