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भोपाल महापौर टिकट की दौड़ में दिग्गज,नए चेहरे पर दांव लगाने की तैयारी में भाजपा और कांग्रेस

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विकास सिंह

भोपाल। मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर राजनीति गर्मा गई है। दलीय आधार पर हो रहे निकाय चुनाव में टिकट के दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। टिकट की सबसे अधिक मरामारी भोपाल और इंदौर में पार्षद और महापौर पद के लिए है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में टिकट के दावेदार भाजपा कार्यालय पहुंचे और पार्टी के जिला अध्यक्ष के सामने टिकट की दावेदारी की। वहीं राजधानी भोपाल में भाजपा और कांग्रेस की ओर से महापौर कौन होगा इसको लेकर भी राजनीति गर्मा गई है।
भोपाल में महापौर पद ओबीसी महिला पद के लिए आरक्षित है। ऐसे में टिकट के दावेदार भाजपा और कांग्रेस में बड़े महिला ओबीसी चेहरे है। भाजपा की ओर से गोविंदपुरा से वर्तमान विधायक और पूर्व महापौर कृष्णा गौर का नाम सुर्खियों में सबसे आगे है। कृष्णा गौर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू है और यहीं परिवारवाद की छाप उनके टिकट में सबसे बड़ी अड़चन भी है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कर चुके है कि पार्टी निकाय चुनाव में परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देगी। 

वहीं भाजपा की ओर महापौर की टिकट की दौड़ में दूसरा नाम पार्टी की वरिष्ठ नेता राजो मालवीय का है। राजो मालवीय भाजपा के टिकट से पहले भी चुनाव लड़ चुकी है। वहीं ओबीसी वर्ग से आने वाली मालती राय का नाम भी महापौर प्रत्याशी की दौड़ में शामिल है। मालती राय पार्टी की जमीनी कार्यकर्ता है और ग्राउंड लेवल पर सक्रिय है। वहीं भाजपा भोपाल महापौर पद के लिए किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। जिसका इशारा खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने भोपाल दौरे के दौरान दे गए। भाजपा अध्यक्ष ने साफ कहा कि पार्टी जमीनी कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतरेगी।

उदयपुर फॉर्मूला कांग्रेस की फांस-वहीं अगर बात करें कांग्रेस की तो पार्टी की ओर महापौर प्रत्याशी की दौड़ में सबसे आगे नाम पूर्व महापौर और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल का है। विभा पटेल कांग्रेस का एक ऐसा चेहरा है जिसको कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा कांग्रेस के टिकट पर पार्षद रह चुकी संतोष कंसाना भी महापौर पद की दौड़ में शामिल है। 
 
वहीं विभा पटेल के महापौर के टिकट की राह में सबसे बड़ा कांटा कांग्रेस के उदयपुर की चिंंतन बैठक में तैयार किया गया वह फॉर्मूला है जिसमें पार्टी ने एक नेता- एक पद की बात कही गई है। इसके बाद विभा पटेल की दावेेदारी पर सवाल उठने लगे है। 

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