-शैलेन्द्र दुबे
होशंगाबाद। 'नर्मदारंगम्' रंग महोत्सव 2018 का आयोजन नर्मदा नगरी होशंगाबाद में संपन्न हुआ। 27 मई से 8 जून तक चले 12 दिवसीय इस महोत्सव में डॉ. शंकरशेष के नाटकों का मंचन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा एवं विशेष अतिथि डॉ. शंकरशेष के सुपुत्र व डॉ. शंकरशेष फाउंडेशन, मुंबई के निदेशक संजय शेषजी थे।
आयोजन में हम थिएटर ग्रुप (भोपाल), एकरंग (भोपाल), कर्मवीर थिएटर (भोपाल), चेतना संस्था (भोपाल), एकरंग नाट्य दल (होशंगाबाद), द परफॉर्मर्स (भोपाल), कृष्णदाम् संस्था (भोपाल), देशज रंगमंडप (भोपाल), अनवरत थिएटर (इंदौर) एवं रंगधारा- द थिएटर स्ट्रीम (हैदराबाद) के रंगकर्मियों एवं थिएटर समूहों ने हिस्सा लिया।
इस वर्ष 'नर्मदारंगम्' रंग महोत्सव में नाटक रत्नगर्भा, अरे! मायावी सरोवर, खजुराहो का शिल्पी, आधी रात के बाद, कालजयी, बिनबाती के दीप, फंदी, मूर्तिकार, एक और द्रोणाचार्य, बाढ़ का पानी, कोमल गांधार और रक्तबीज का मंचन किया गया। सर्वश्रेष्ठ नाटक के रूप में रंगधारा- द थिएटर स्ट्रीम (हैदराबाद) द्वारा प्रस्तुत नाटक 'रक्तबीज' को डॉ. शंकरशेष फाउंडेशन, मुंबई द्वारा पुरस्कृत किया गया।
'रक्तबीज' का निर्देशन विनय वर्मा ने किया। इस वर्ष रंग महोत्सव में दर्शकों का खासा उत्साह देखने को मिला, वहीं खजुराहो का शिल्पी, आधी रात के बाद, बिनबाती के दीप और फंदी आदि नाटकों ने दर्शकों की प्रशंसा प्राप्त की। कार्यक्रम का सफल आयोजन 'साथी जनशिक्षण एवं संस्कृति समिति व नर्मदारंगम् परिवार' होशंगाबाद द्वारा किया गया था।