भोपाल। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य बन गया है। राजधानी के मिंटो हॉल में हुए एक कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई शिक्षा नीति का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश देश में नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला दूसरा प्रदेश बन गया है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने पर मध्यप्रदेश को बधाई देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला मध्यप्रदेश कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य बन गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति राज्य के छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को साकार करने और उन्हें सशक्त बनाने की कुंजी होगी।
वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति इस बात की अनुमति देती है कि छात्र फिजिक्स, केमेस्ट्री पढ़ते हुए भी हिंदी का विद्यवान बन सके, संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर सके और इतिहास का अध्ययन कर सके। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की तर्ज पर मध्यप्रदेश में राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन बनाने का एलान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हमारी जिम्मेदारी है कि बच्चों में नागरिकता के संस्कार हों। उन्हें सही दिशा दी तो वह महान विद्वान बनेंगे, देश और प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। अगर दिशा गलत पकड़ ली तो समाज के लिए विनाशकारी होंगे। आज नागरिकता के संस्कार होना बहुत जरूरी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विद्यार्थियों को एक दिशा देने का काम करेगी। जिससे वह देश-प्रदेश और दुनिया की समृद्धि व विकास में योगदान देंगे।