इंदौर। निगम कर्मियों से मारपीट और अभद्रता करने के मामले में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र विधायक आकाश विजयवर्गीय को बुधवार को भी जमानत नहीं मिल पाई। इस बीच, आयुक्त ने इस मामले से जुड़े निगम के 21 मस्टरकर्मियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया है।
जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि यह मामला जनप्रतिनिधि का होने के कारण उनके क्षेत्राधिकार से बाहर का है। अब आकाश की जमानत पर विशेष न्यायालय भोपाल में सुनवाई होगी। ऐसे में आकाश को फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
आकाश एक और मामले में गिरफ्तार : पिछले दिनों बिजली कटौती को लेकर हुए प्रदर्शन में भी आकाश के खिलाफ प्रकरण कायम किया गया है। इस मामले में जेल में जाकर आकाश की गिरफ्तारी ली गई।
...और इधर 21 मस्टरकर्मी बाहर : बुधवार को निगम कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट की घटना में शामिल नगर निगम के 21 मस्टरकर्मियों को निगमायुक्त ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन निगमकर्मियों की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। इन कर्मचारियों की पहचान विभन्न वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से की गई थी।
उक्त सभी कर्मचारी किसी न किसी रूप में मारपीट करने वालों में शामिल पाए गए थे। निगमायुक्त ने कहा कि इस तरह का कृत्य करने वाले कर्मचारियों की निगम को कोई जरूरत नहीं है और भी कर्मचारी अगर इस तरह की हरकतों में लिप्त पाए जाते हैं तो उनकी भी सेवाएं समाप्त की जाएंगी। इनमें प्रेम विजयवर्गीय नामक कर्मचारी भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को इंदौर के गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान को तोड़ने पहुंची निगम कर्मचारियों के साथ विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनके समर्थकों ने मारपीट की थी। निगमकर्मी को मारते हुए आकाश का बल्ला चलाते हुए वीडियो पूरे देश में वायरल हो गया था।