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CM शिवराज सिंह के OSD की एक दिन में ही विदाई, आखिर क्या है कारण?

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, मंगलवार, 8 जून 2021 (20:56 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नवनियुक्त संचार सलाहकार ने भाजपा के नेताओं द्वारा हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले उनके पिछले कुछ ट्वीट को सामने लाने के बाद अपना नया पद संभालने से मंगलवार को इंकार कर दिया।
 
मुंबई निवासी तुषार पांचाल ने 'एट द रेट तुषार' हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा कि मैंने शिवराज सिंह चौहान द्वारा दी गई जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री को अपनी असमर्थता के बारे में बता दिया है।
 
हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि ये पांचाल का अपना ट्विटर अकाउंट है या नहीं, लेकिन प्रदेश के एक भाजपा नेता ने पुष्टि की है कि उन्होंने (तुषार पांचाल ने) नया पद स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने (पांचाल) इसी ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री कार्यालय में संचार सलाहकार नियुक्त होने की जानकारी दी थी। प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सोमवार शाम को पांचाल को विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त करने करने का आदेश जारी किया गया था।
 
इसके तुरंत बाद ही भाजपा के कुछ नेताओं ने तुषार के पिछले ट्वीट्स, जो कि हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले थे और एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख था, का हवाला दिया। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ऐसे ही 2 ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से पूछा कि क्या आपको ऐसे लोगों की जरूरत है।
 
इसके बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी पांचाल के कुछ पुराने ट्वीट निकाल कर सोशल मीडिया पर साझा किए जो कि कथित तौर पर भाजपा की आलोचना के थे। सलूजा ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य सरकार को पांचाल को हटाने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि पांचाल ने मोदी के खिलाफ ट्वीट किया था लेकिन यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पांचाल स्वयं ही यह पद स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
 
प्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि भाजपा का इस घटनाक्रम से कोई लेना देना नहीं है। अग्रवाल ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने उन्हें (पांचाल) मुख्यमंत्री का ओएसडी नियुक्त किया और यह उस व्यक्ति पर है कि वह उसे स्वीकार या अस्वीकार करे। पार्टी का इसमें कोई लेना-देना नहीं है।
 
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मीडिया सलाहकार नियुक्त करने का 17 मई को जारी आदेश 2 दिन बाद ही वापस ले लिया था। तब भी भाजपा के कुछ नेताओं ने मानसेरा की नियुक्ति पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और दावा किया था कि वरिष्ठ पत्रकार अतीत में नरेंद्र मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं। (भाषा)

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