भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ पंचायत और निकाय चुनाव होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य सरकार की मोडिफिकेशन याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को एक सप्ताह में नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि OBC आरक्षण पर आज सत्य की जीत हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा सरकार ने अपनी बात को तथ्यों के साथ न्यायालय के समक्ष रखा। ओबीसी आरक्षण पर सरकार के पक्ष को स्वीकार करने के लिए माननीय न्यायालय का बहुत-बहुत आभार। उन्होंने कहा कि अब सरकार OBC आरक्षण के साथ चुनाव में जाएगी।
क्या है पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिश-ओबीसी आरक्षण को लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता लगभग 48 प्रतिशत है। रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में कुल मतदाताओं में से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मतदाता घटाने पर शेष मतदाताओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता 79 प्रतिशत है।
आयोग में अपनी अनुशंसा में कहा है कि राज्य सरकार त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करे। इसे साथ राज्य सरकार समस्त नगरीय निकाय चुनावों के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करे।
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों एवं नगरीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण सुनिश्चित किये जाने हेतु संविधान में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाये।