भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द होने का रास्ता साफ हो गया है। आज आनन-फानन में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया से जुड़ा एक अध्यादेश सरकार ने वापस ले लिया है।
फैसले की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार की ओर से अध्यादेश वापस लेने के बाद अब पंचायत चुनाव रद्द करने के सिवाए चुनाव आयोग के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। पंचायत चुनाव अध्यादेश को वापस लेने के प्रस्ताव कैबिनेट ने पास कर राज्यपाल को भेज दिया गया है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पंचायत राज्य अधिनियम 1993 की धारा 9 क के अंतर्गत जो पंचायत चुनाव चल रहे थे, उससे संबंधी विधेयक अपिहार्य कारणों से विधानसभा में नहीं आ पाया। जिसमें सभी वर्गों को सरकार साथ लेकर गई थी। लेकिन पंचायत चुनाव में हार के डर से कांग्रेस अध्यादेश के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में गई। जहां से कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस ने षड़यंत्र कर चुनाव को रोकने की कोशिश की और सुप्रीमकोर्ट में कांग्रेस के वकील और नेताओं ने कोशिश की बिना पिछड़ा वर्ग के चुनाव हो।
इसके बाद विधानसभा में बिना ओबीसी के चुनाव नहीं कराने का संकल्प पास हुआ। इसके बाद आज कैबिनेट की बैठक में डिलिमिटेशन संबंधी अध्यादेश वापस ले लिया है और इसको राज्यपाल को भेज दिया गया है। वहीं चल रहीं चुनाव प्रक्रिया निरस्त का प्रस्ताव राज्यपाल को भेज दिया है।