भोपाल। मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच सरकार अब इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार को मिले इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक प्रदेश में कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया सक्रिय है और उससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है।
वहीं आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून व्यवस्था को लेकर एक बड़ी बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश का सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
इंटेलिजेंस इनपुट में सिमी के साथ पीएफई के संपर्क में आने की रिपोर्ट मिलने के बाद अब सरकार के स्तर पर मंथन किया जा रहा और जल्द पर PFI पर बैन लगाया जा सकता है। खुफिया इनपुट के मुताबिक प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 500 से अधिक सदस्य सक्रिय है।
इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम समेत प्रदेश के कई जिलों में इंटेलिजेंस का नेटवर्क फैला है। इंदौर में चूड़ी विक्रेता की पिटाई के बाद थाने का घेराव करने के मामले में पीएफआई और एसडीपीआई के शामिल होने के इनपुट मिले थे जिसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी संगठन पर बैन लगाने के संकेत दिए थे।
क्या है PFI ?: इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी कि एसडीपीआई इसका राजनीतिक संगठन है। एसडीपीआई के मूल संगठन पीएफआई पर विभिन्न असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लंबे समय से लगते आए है। इतना ही नहीं, पीएफआई के खिलाफ आरोप यह भी हैं कि विभिन्न इस्लामी आतंकवादी समूहों के साथ उसके कथित संबंध हैं। इसके साथ संगठन के महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट,स्टूडेंट के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया भी सक्रिय है। झारखंड और केरल में PFI पर पहले ही बैन लगाया जा चुका है।