इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, हनुमानजी की बदौलत हूं। मैंने कुछ नहीं किया। पितरेश्वर भी इन्हीं की इच्छा से बना है। मैं तो नंदानगर की गलियों में अंटी व सितोलिया खेलने वाला बच्चा था। हनुमानजी की कृपा हुई और देखिए, यहां उनकी अष्टधातु की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई।
3 मार्च को पितरेश्वर हनुमान को भोग लगाने के बाद अपराह्न 4 बजे से नगर भोज शुरू हो जाएगा जिसमें शहर के 10 लाख लोग महाप्रसादी ग्रहण करेंगे, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड होगा। बड़ा गणपति से लेकर पितरेश्वर हनुमान धाम तक के 7 किलोमीटर के रास्ते में लोगों में प्रसादी वितरित होगी। चूंकि महाप्रसादी ग्रहण करने वालों की संख्या ज्यादा है, लिहाजा गांधीनगर और आसपास के क्षेत्रों में बड़े मैदानों में इसका आयोजन रखा गया है।
इससे पूर्व विजयवर्गीय ने काहा कि भविष्य में पितरेश्वर पर्वत को देश के बड़े तीर्थों में जगह दिलाई जाएगी और इसके रखरखाव पर हर महीने 10 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। यहां पर हम ब्राह्मण बच्चों को धर्म-कर्म की शिक्षा भी देंगे।