भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में भाजपा दलित वोटर्स को साधने के लिए मेगा प्लान बना रही है। सागर में संत रविदास मंदिर के निर्माण के जरिए भाजपा बुंदेलखंड के साथ-साथ ग्वालियर-चंबल के बड़े दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश में जुटी है। 12 अगस्त को सागर में एक बड़े कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे।
रविदास मंदिर के निर्माण के लिए प्रदेश के विभिन्न गांव से मिट्टी और प्रमुख नदी का जल लाने के लिए पांच यात्राएं निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में 25 जुलाई से 5 यात्राएँ आरंभ होंगी। यह सभी यात्राएँ अलग-अलग गाँव से गाँव की माटी और नदी का जल लेकर सागर पहुँचेगी। सागर में 12 अगस्त को भगवान संत रविदास जी के मंदिर निर्माण का शिलान्यास होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संत रविदास का दर्शन और समाज-सुधार के लिए उनके द्वारा दिए गए संदेशों का समाज पर बहुत प्रभाव पड़ा, यह संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। सागर में बनने वाले संत रविदास मंदिर एवं कला संग्रहालय में संत रविदास की शिक्षा और संदेशों का प्रस्तुतिकरण प्रभावशाली तरीके से किया जाए। मंदिर निर्माण के लिए प्रदेश के हर गाँव से ईंट और मिट्टी लाई जाएगी। संत रविदास मंदिर का आकल्पन अगम शास्त्र के अनुसार किया जा रहा है। इसमें कला संग्रहालय, संत निवास और पुस्तकालय का निर्माण भी किया जाएगा।
100 करोड़ की लगात से बनेगा मंदिर- सागर में बनने वाले संत रविदास का मंदिर 100 करोड़ की लागत से बनेगा। मंदिर निर्माण के लिए सागर के बदतुमा गांव में जमीन का आवंटन हो चुका है और अब 12 अगस्त को मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा। 100 करोड़ की लागत से बनने वाले रविदास मंदिर के निर्माण के लिए हर वर्ग की भागीदारी हो इसके लिए जनअभियान परिषद के संयोजन में आज से 12 अगस्त के बीच प्रदेश के 5 स्थानों से संत रविदास मंदिर निर्माण समरसता यात्रा निकली जा रही है।
यह यात्राएं प्रदेश के 55 हजार गावों से मिट्टी और एक मुट्ठी अन्न के साथ पवित्र नदियों और जलाशयों का जल एकत्र करते हुए 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को संत रविदास मंदिर का शिलान्यास करेंगे। यह यात्राएं प्रदेश में संत रविदास के सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगी। सागर में बनने वाला भव्य संत रविदास मंदिर सामाजिक समरसता का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।
चुनाव से ठीक पहले संत रविदास मंदिर के निर्माण पर भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते है कि भारतीय जनता पार्टी वोटबैंक की राजनीति नहीं करती है, समाज का प्रत्येक वर्ग किस प्रकार आगे बढ़े और उसका उत्थान हो, इसके लिए भाजपा सरकार की नीति और नियत है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मैहर में सामाजिक समरसता के केंद्र संत रविदास के मंदिर साढ़े 3 करोड़ की लागत से बनाया है, जिसके बाद अब सागर में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनेगा। इस मंदिर निर्माण में हर समाज शामिल हो इसके लिए 5 स्थानों से समरसता यात्राएं निकलेंगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार संत रविदास जी के विचारों को जमीन पर उतारने का काम कर रही है।
दलित वोटर्स पर भाजपा की नजर-संत रविदास के मंदिर के जरिए चुनाव साल में दलित वोटर्स को साधने की कोशिश में है। मध्यप्रदेश की कुल आबादी का 16 फीसदी अनुसूचित जाति का है यानि प्रदेश में इसमें 1 करोड़ 13 लाख 42 हजार दलित आबादी है। अगर प्रदेश के सियासी समीकरण को देखे तो प्रदेश में 35 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
दलित वोटर गेमचेंजर?-मध्यप्रदेश में चुनावी साल में दलितों का साधना सियासी दलों के एक जरूरी मजबूरी है। प्रदेश में 17 फीसदी वोट बैंक वाले दलित वोटर चुनाव में गेमचेंजर की भूमिका निभाता है। 80 लाख से अधिक दलित वोटर वाले मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग(दलित) वर्ग के लिए आरक्षित है। वहीं प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 84 विधानसभा सीटों पर दलित वोटर जीत हार तय करते है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 35 सीटों में कांग्रेस ने 18 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी कर ली थी।