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इंदौर बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे के सियासी साइड इफेक्ट, ड्रैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा

हमें फॉलो करें इंदौर बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे के सियासी साइड इफेक्ट, ड्रैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा

विशेष प्रतिनिधि

, शनिवार, 8 अप्रैल 2023 (13:03 IST)
इंदौर में रामनवनी पर बेलेश्वर मंदिर हादसा अब सियासी तूल पकड़ता दिख रहा है। मंदिर हादसे के बाद पहले रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन की लापवाही का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया और हादसे के बाद जिस तरह से स्थानीय प्रशासन ने 80 साल पुराने मंदिर पर आनन-फानन में बुलडोजर चला दिया उससे लोग अक्रोशित हो गए और सड़क पर उतर आए। चुनावी साल में लोगों के गुस्से को देखते हुए सरकार से लेकर संगठन तक डैमेज कंट्रोल में जुट गए  है।

मध्यप्रदेश यह चुनावी साल है और सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है ऐसे में मंदिर पर बुलडोजर चलने से उसकी चुनावी मुहिम को झटका लगा है। आनन-फानन में स्थानीय प्रशासन ने जिस तरह से मंदिर को बुलडोजर को ढहा दिया उस पर अब पूरे प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। बताया जा रहा है कि प्रशासन की मंदिर ढहाने की कार्रवाई पर राष्ट्रीय स्वयं संघ ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की।

रामनवमी पर हुए हादसे में 36 लोगों की मौत का चुनाव पर पड़ने वाले साइड इफेक्ट से भाजपा हाईकमान भी परिचित है। यहीं कारण है कि हादसे के बाद भोपाल दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत कार्यक्रम को रद्द किया गया और खुद प्रधानमंत्री ने भोपाल में हुए कार्यक्रम में हादसे पर दुख जताया। वहीं हादसे के अगले दिन मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री इंदौर पहुंचे तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था।

मंदिर हादसे के बाद पार्टी को हुए नुकसान के डैमेज कंट्रोल में अब खुद मुख्यमंत्री जुट गए है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने बेलेश्वर महादेव मंदिर को फिर से बनए जाने  की घोषणा की। सीएम शिवराज ने कहा कि इंदौर में घटना के बाद उस बावड़ी को भर दिया गया था लेकिन वहां मंदिर पुराना था और कई वर्षों से श्रद्धालु वहां पूजा कर रहे थे। पूरे विधि विधान के साथ प्रतिमा दूसरे स्थान पर स्थापित की गई लेकिन मुझे उचित लगता है कि पूरी तरह से सुरक्षित रखते हुए सामंजस्य और सद्भाव के साथ फिर से मंदिर स्थापित किया जाए जिससे कॉलोनी वासी फिर से पूजा और अर्चना कर सके।   

मंदिर हादसे के बाद इंदौर की स्थानीय राजनीति भी गर्मा गई है। गुरुवार को प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजदूगी में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में पूरा मुद्दा उठा और  स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए। मंदिर गिराने और बावड़ी भरने को लेकर राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने खुल तौर पर नाराजगी जाहिर भी की थी। वहीं आज केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इंदौर में पार्टी के नाराज नेताओं ेसे मेल मुलाकात कर रहे है। 

इंदौर हादसे के बाद  कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर है। हादसे के पीड़ितों से मिलने पहुंचे कमलनाथ ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं की गई। कमलनाथ ने कहा कि इंदौर में हुई घटना ना केवल इंदौर को बल्कि समूचे मध्यप्रदेश को कलंकित करती है। कमलनाथ ने हादसे के 12 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के पहुंचने पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर ‘रैपिड रेस्क्यू फोर्स’ के साथ ‘बिल्डिंग कोड’ और ‘सेफ्टी कोड’ बनाया जाएगा। वहीं कमलनाथ ने बड़े आयोजनों के लिए सेफ्टी ऑडिट की भी बात कही है।
 

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