देश के सबसे सुंदर शहरों में गिना जाने वाला भोपाल अब देश की सबसे स्वच्छ राजधानी होने के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा स्वच्छ शहर भी है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में भोपाल 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में दूसरे स्थान पर है। लेकिन स्वच्छता की इस साख में प्रदेश के पीडबल्यूडी विभाग ने ऐसा दाग लगाया है कि आज भोपाल की चर्चा स्वच्छ शहर नहीं उसकी गड्ढे वाली सड़कों के कारण पूरे देश में हो रही है।
दरअसल गुरुवार को जब दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों में राजधानी भोपाल को दूसरे सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड मिल रहा था ठीक उसी वक्ता राजधानी के वीआईपी इलाके एमपी नगर की मुख्य सड़क भ्रष्टाचार और सरकार की लापरवाही की पोल खोल रही थी। मानसूनी बारिश में बोर्ड ऑफिस से जाने वाली मुख्य सड़क अचानक से 8 फीट धंस गई। यानि मुख्य सड़क इतनी धंसी की उसमी किसी भी कार की समाधि हो जाए। गनीमत यह रही है कि उस वक्त सड़क पर कोई वाहन नहीं गुजर रहा था।
हैरत की बात यह है कि जितनी तेजी से सड़क धंसी उतनी ही तेजी से सड़क के जिम्मेदार महकमे यानि पीडब्यूडी विभाग के आधिकारी अपनी सफाई देने के लिए आगे आया और एक लंबा चौड़ा प्रेस नोट जारी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए सारा कसूर 50 साल पहले बने नाले पर मढ़ दिया। इतना ही नहीं विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि किस मजबूरियों के चलते वह नाला का निरीक्षण नहीं कर पाए और सड़क धंसने में उनका कोई कसूर नहीं है।
ऐसे में सवाल यह उठाता है कि बारिश के मौसम में अगर आप मध्यप्रदेश की सड़क पर चल रहे और किसी गड्ढे की वजह से आपको कोई नुकसान पहुंचता है तो इसकी जिम्मेदारी आप पर ही है। यह बात अलग है कि सड़क निर्माण में भष्टाचार के लिए कुख्यात लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कमीशनखोरी से अपनी जेब भर रहे है।
वैसे भी सड़क धंसने और प्रदेश में सड़कों दुर्दशा का यह कोई पहला मामला नहीं है। राजधानी भोपाल और रायसेन को जोडने वाली मुख्य सड़क के निर्माण में हुआ भ्रष्टारा बारिश में बह चुका है। वहीं ग्वालियर में सिंधिया महल को जोड़ने वाली सड़क 10 दिन में 10 बार धंस गई थी। सड़कें धंसे तो धंसे, गड्डे हो तो हो जब विभाग के मुखिया यानि मंत्री राकेश सिंह कह चुके है कि जब तक सड़कें रहेगी तब तक गड्डे रहेंगे। यानि सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की जब मंत्री जी ने ही खुली छूट दे दी है यानि सड़क निर्माण में जितना बड़ा कमीशनखोरी का खेल हो गया उतनी ही जल्द गड्डे होंगे। मंत्री जी ने भले ही यह बयान बहुत हल्के में दे दिया हो लेकिन उनको कौन बताए है कि इसी सड़क से आम आदमी गुजरता है। इसके अलावा प्रदेश में अजीबोगरीब डिजाइन के पुल भी सरकार की खूब किरकिरी करा रहे है।