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Special Story: बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ने पत्थरों पर उकेरा पाठ्यक्रम, अब मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान

स्कूल के बाहर के पत्थरों पर उतारा पाठ्यक्रम,

हमें फॉलो करें Special Story: बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ने पत्थरों पर उकेरा पाठ्यक्रम, अब मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान
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विकास सिंह

, शुक्रवार, 4 सितम्बर 2020 (15:48 IST)
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के डूडा के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला के प्रधानाध्यापक संजय कुमार जैन  शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनूठे नवाचारों के लिए शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित होने‌ जा रहे है। संजय कुमार जैन‌ राष्ट्रपति सम्मान मिलने पर खुशी‌ जताते हुए सम्मान को‌‌ अपने स्कूल के बच्चों‌ को‌ समर्पित ‌करते है।
 
अपने नवाचारों के बारे में बताते हुए संजय कहते हैं कि उनके स्कूलों में बच्चों को रटाकर नहीं बल्कि ‌प्रैक्टिकल ‌तरीके से पढ़ाया जाता है। बच्चों को‌ पढ़ाने के लिए विद्यालय में पिछल कुछ सालों में अब तक 80 तरह के नवाचार किए जा चुके है। विद्यालय में‌ वैसे‌ तो‌ कई‌ नवाचार ऐसे किए गए है जिससे बच्चे खेल- खेल में सब सीख‌ जाते‌ है‌ लेकिन सबसे खास प्रकार का नवाचार पाषाण नवाचार‌‌ है। 
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पाषाण नवाचार की शुरुआत करने की सोच के पीछ वजह बताते हुए संजय कहते‌ हैं कि विद्यालय के आसपास कुछ पत्थर और कुछ मकानों के नींव के पत्थर काफी गंदे और बैरंग ‌दिख रहे थे, इन पत्थरों को देखकर मन में विचार आया कि क्यों ना इस पर‌ बच्चों की प्रशिक्षण सामग्री अंकित कर दी जाए जिससे कि बच्चे स्कूल आते‌ जाते और खेलते समय इनको देखकर ‌सीख‌ सके। 
 
पाषाण नवाचार के तहत पत्थरों पर कविता, कहानी, महीनों के नाम, जोड़-घटाना, गुणा-भाग, फलों के नाम जैसी चीजों को अंकित करवा दी। जिससे न केवल विद्यालय आकर्षक लगने लगा,इसके साथ बच्चे खेल-कूद में पढ़ने से उनने मन मस्तिष्क पर स्थाई तौर पर अंकित हो जाता है। यह नवाचार इतना कारगर हुआ कि बच्चे पत्थरों पर बैठकर खेलते‌ खेलते‌‌ ही‌ बेसिक स्किल सीख गए।
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राष्ट्रीय ‌पुरुस्कार से सम्मानित संजय कुमार जैन लड़कियों की शिक्षा को बेहद जरूरी बताते हुए कहते हैं कि इसको लेकर वह‌ ‌लोगों को‌ जागरूक करते है और आज उनके विद्यालय में लड़कियों की‌ उपस्थित सौ फीसदी उपस्थिति ‌है। इसके साथ विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक बच्चे के नाम से एक गमला लगाया जाता है और बच्चे उसकी खुद की देखभाल करते हैं।

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