उपचुनाव के रण में ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर-चंबल में ही घेरेंगे प्रियंका और पायलट
गुर्जरों और युवाओं को साधने के लिए मैदान में उतरेंगे कांग्रेस के स्टार चुनाव प्रचारक
मध्यप्रदेश के उपचुनाव में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके ‘घर’ में ही घेरने के लिए कांग्रेस ने बड़ा दांव चलने की तैयारी में है। अभी जब चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ है,तब कांग्रेस ने अपना अक्रामक पूरा चुनावी कैंपेन तैयार कर लिया है। कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके अपने ही गढ़ ग्वालियर-चंबल में घेरने के लिए अपने सबसे बड़े चेहरे और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी और सिंधिया के दोस्त और सचिन पायलट को चुनाव प्रचार में उतारने की तैयारी में है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी,सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल इलाके में रोड और चुनावी सभा कर सकती है। प्रियंका गांधी दतिया की प्रसिद्ध पीतंबरा पीठ के दर्शन करने के साथ ही ग्वालियर को दोनों सीट,डबरा, भांडेर, मुरैना,अंबाह,दिमनी,मेहगांव और गोहद में चुनावी रैली और रोड शो कर सकती है। चुनाव की तारीखों के एलान के बाद प्रियंका के पूरे चुनावी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
वहीं कांग्रेस सिंधिया के दोस्त और गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सचिन पायलट को ग्वालियर-चंबल में चुनावी कैंपेन में उतारने जा रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की मानें तो सचिन पायलट ने खुद कमलनाथ के सामने चुनाव प्रचार करने की इच्छा जाहिर की थी जिसके बाद पार्टी उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर ग्वालियर-चंबल में उतारने जा रही है।
सचिन पायलट को मध्यप्रदेश के उपचुनाव में उतारने के पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति है। सिंधिया और सचिन पायलट एक दूसरे के दोस्त हैं। पिछले दिनों पायलट ने जब राजस्थान में बगावती तेवर दिखाए थे जो सिंधिया ने उनके समर्थन में बयान दिया था। अब पायलट को सिंधिया के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेसी एक बड़े गेम प्लान के साथ चुनावी मैदान में जाना चाहती है। दरअसल मध्यप्रदेश में जिन 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हैं उनमें 16 सीटें ग्वालियर- चंबल इलाके की है और यह सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र वाला इलाका माना जाता है।
ग्वालियर-चंबल का इलाका राजस्थान से सटा हुआ हुआ है ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि सचिन पायलट का चुनाव प्रचार करना यहां सिंधिया पर भारी पड़ सकता है। ग्वालियर चंबल की आने वाली 16 सीटों में ऐसी कई सीटें हैं जहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या काफी अच्छी खासी है। मुरैना जिले की पांचों सीटें गुर्जर बाहुल्य वोटरों वाली है।
ऐसे में राजस्थान के दिग्गज नेता सचिन पायलट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकते हैं। पार्टी इसी सोच उम्मीद के साथ पायलट को सिंधिया के प्रभाव वाले इलाके में चुनाव प्रचार के लिए उतारने का प्लान बनाया है अब देखना यह होगा कि चुनाव मैदान में जो दो जिगरी दोस्त एक दूसरे पर किस अंदाज में परस्पर सियासी हमले करते है।