होशंगाबाद। सीधी में हुई भयावह बस दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश में कई पुल-पुलियाएं हैं जो बेहद खतरनाक और जर्जर अवस्था में हैं। जरा-सी मानवीय चूक जानलेवा साबित हो सकती है।
सीधी बस दुर्घटना के बाद होशंगाबाद जिले में प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए पुल-पुलियाओं और उन पर सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई रैलिंगों और नदी-नालों व नहरों के ऊपर बनाए गए पुलों पर संकेतक की जांच की।
जिला कलेक्टर धनंजय सिंह के निर्देश पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनोज तेहनगुरिया ने आरटीओ टीम के साथ नर्मदा ब्रिज के ऊपर पहुंचकर दोनो तरफ की रैलिगों को देखा और जो भी रैलिंग डैमेज दिखाई दी उन पर पूरी तरह से रेडियम रिफलेक्टर को चिपकाया ताकि रात्रिकालीन के समय तेज रफ्तार वाहन चालकों को रोशनी मे दूर से ही यह दिखाई दे और सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके, लेकिन सवाल यह कि रेडियम की लाल पट्टियां देखकर क्या तेज गति में वाहन चलाने वाले संभल पाएंगे? क्या इन पुल-पुलियाओं की उचित मरम्मत रखरखाव और रेलिगों की उचित ऊंचाई आवश्यक नहीं जिससे दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनोज तेहनगुरिया ने बताया कि नर्मदा पुल के ऊपर कुछ स्थानों पर लगी लोहे की रेलिंग टूटी-फूटी दिखाई दी जिन पर धूल मिटटी जमी हुई थी। इस कपड़े से साफ कर उस पर रेडियम की पट्टी पूरी तरह से चिपकाई गई है।
आधा किलोमीटर के दायरे में 4-5 स्थानों पर डेमैज रैलिंगों को पूरी तरह रेडियम रिफलेक्टर से पैक किया गया है ताकि रात्रिकालीन समय में वाहनों की रोशनी से दूर से ही यह दिखाई देगी और चालक संयमित गति से वाहन निकाल सकेगा।