भोपाल। मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने अपने 12 दिन के सफर को पूरा करने के बाद अब राजस्थान पहुंच गई है। प्रदेश में राहुल गांधी ने 12 दिन की यात्रा के दौरान करीब 380 किलोमीटर की यात्रा तय की। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की चुनावी एजेंडे को सेट कर दिया है।
अगर देखा जाए तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने मध्यप्रदेश में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था और कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने कोर वोट बैंक आदिवासी और दलित वोट बैंक पर खासा फोकस किया। इसके साथ राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस को सीधा एकजुटता का संदेश भी दिया।
किसान और युवाओं पर रहा राहुल का फोकस- मध्यप्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने जिस किसान वोट बैंक के सहारे सत्ता में वापसी की थी, राहुल ने अपनी यात्रा में उस वोट बैंक को साधने की पूरी कोशिश की। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के आखिरी दिन प्रदेश की जनता के नाम अपने संदेश में कहा कि मध्यप्रदेश के लोगों के सामने कई चुनौतियां है। प्रदेश के किसान बढ़ती लागत, घटती आमदनी के चलते आज संकट में है। वहीं प्रदेश के युवा कड़ी मेहनत और त्याग के बावजूद अपने बेहतर भविष्य की उम्मीद खोते जा रहे है। इसके साथ राहुल ने भष्टाचार औऱ छोटे व्यापरियों के मुद्दें पर भी भाजपा सरकार को जमकर घेरा।
राहुल ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता ने इन चुनौतियों को हल करने के लिए कांग्रेस पर जो विश्वात जताया था। उसके साथ विश्वासघात किया गया। उन्होंने प्रदेश की जनता के नाम अपने संबोधन में कहा कि जल्द ही वो दिन आएगा जब कांग्रेस एक बार जनता के भरोसे पर खरी उतेगी।
आदिवासी और दलित वोट बैंक पर फोकस- मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने कांग्रेस के परंपरागत दलित और आदिवासी वोटरों को फिर से पार्टी के साथ जोड़ने के लिए राहुल गांधी ने पूरा फोकस किया है। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल और प्रियंका आदिवासी रंग में रंगे नजर आने के साथ खंडवा में बड़ौदा के अहीर में आदिवासी नायक टंट्या भील की जन्मस्थली पहुंचकर उन्हें श्रदांजालि दी।
राहुल ने आदिवासियों के हक की बात उठाते हुए कहा आदिवासी हिंदुस्तान का ओरजनिल मालिक है। भाजपा आदिवासियों को वनवासी बातकर आपका हक छीन लेती है। भाजपा कहती है कि यह जमीन आपकी नहीं है और न कभी रही। कांग्रेस पार्टी आदिवासियों को देश असली मालिक मानती है और मानती है कि यह देश आप से लिया गया। कांग्रेस शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ देश के पैसा के एक भाग को आदिवासियों को देने की बात करती है। राहुल ने कहा कि आदिवासियों के हक की लड़ाई केवल कांग्रेस पार्टी लड़ती है। वहीं 26 नवंबर को राहुल गांधी इंदौर के महू में भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली पर बाबा साहेब अंबेडकर को श्रदांजलि देकर दलित वोट बैंक को लुभाने की पूरी कोशिश की।
कमलनाथ-दिग्गी के साथ राहुल ने दिया एकजुटता का संदेश-भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश कांग्रेस को एकजुटता का संदेश दिया है। यात्रा के आखिरी दिन राहुल गांधी ने मंच पर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के गले मिलवा कर पूरी प्रदेश कांग्रेस को एकजुटता का सीधा संदेश दिया। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक है और वह पूरी यात्रा में राहुल गांधी के साथ चल रहे है। वहीं कमलनाथ राहुल गांधी के साथ मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के साथ पूरे समय रहे।
भारत जोड़ो यात्रा की मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में एंट्री करने से एक दिन पहले मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर यात्रा की अगवानी करने पहुंचे कमलनाथ बिना किसी ब्रेक के भारत जोड़ो यात्रा के आख़िरी दिन तक राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहे। महाराष्ट्र की सीमा में जाकर यात्रा की अगवानी करने से लेकर बुरहानपुर में राष्ट्रीय ध्वज थामने और फिर राजस्थान की सीमा में पहुंचकर राष्ट्रीय ध्वज हस्तांतरित करने तक कमलनाथ मौजूद रहे।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी और राहुल गांधी की केमिस्ट्री देखी गई उससे कमलनाथ और राहुल गांधी के बीच की दूरियों की खबरें भी निराधार साबित हुई। कमलनाथ ने अपने उन विरोधी को भी एक जवाब देने की कोशिश की जिसमें कमलनाथ यात्रा में नहीं चलेंगे या कम समय देंगे, यह सवाल उठ रहे थे। कमलनाथ यात्रा में पहले दिन से लेकर आख़री दिन तक मौजूद रहे, चलते रहे। और तो और कमलनाथ पूरी यात्रा के दौरान अन्य भारत यत्रियों की तरह ही कैम्प के भीतर कंटेनर में ही रुकते भी रहे।
यात्रा में उमड़ा जनसैलाब से कांग्रेस को बूस्टर डोज- मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जिस लोगों की भीड़ देखी गई उसको चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए बूस्टर डोज के तौर पर देखा जा रहा है। यात्रा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के अपने कुशल प्रबंधन और राजनैतिक कौशल को एक बार मध्यप्रदेश कांग्रेस पर अपनी मजबूत पकड़ को साबित किया।
ऐसे में जब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है तब राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता को एक तरह से रिचार्ज कर दिया है। देखना होगा कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने अपनी जो ताकत दिखाई है उसको विधानसभा चुनाव तक कायम रख पाएगी या नहीं।